पलकों का घर तैयार सांवरे भजन
इस भजन में एक भक्त भगवान कृष्ण की सेवा करने के लिए अपने प्यार और उत्साह
को व्यक्त करता है। वह अपने घर को भगवान कृष्ण के लिए एक घर के रूप में
देखता है और उन्हें अपनी सेवा करने का मौका देने के लिए आमंत्रित करता है।

पलकों का घर तैयार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे।
आँखों के असुवन जल से,
तेरे चरण पखारूंगा मैं,
पलको की कंघी से तेरे,
बाल सवारूँगा मैं,
मौका सेवा का दे एक बार सांवरे,
मौका सेवा का दे एक बार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
पुतली के दरवाजे ऊपर,
पलको का है पहरा,
प्रेम है ये निस्वार्थ हमारा,
सागर सा है गहरा,
हम तेरे हुए तलबगार सांवरे,
हम तेरे हुए तलबगार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
बड़े भाव से बड़े चाव से,
तेरा लाढ़ करेंगे,
जहाँ रखोगे कदम कन्हैया,
वही पे हाथ रखेंगे,
ख्वाहिश पूरी करो एक बार सांवरे,
ख्वाहिश पूरी करो एक बार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
महलों जैसे ठाठ नहीं,
घर देखने तो आओ,
रहना ना चाहो कम से कम,
आजमाने तो आओ,
मोहित दिल से करे मनुहार सांवरे,
मोहित दिल से करे मनुहार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
पलकों का घर तैयार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे।
पलकों का घर तैयार सांवरे Palako Ka Ghar

पलकों का घर तैयार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे।
आँखों के असुवन जल से,
तेरे चरण पखारूंगा मैं,
पलको की कंघी से तेरे,
बाल सवारूँगा मैं,
मौका सेवा का दे एक बार सांवरे,
मौका सेवा का दे एक बार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
पुतली के दरवाजे ऊपर,
पलको का है पहरा,
प्रेम है ये निस्वार्थ हमारा,
सागर सा है गहरा,
हम तेरे हुए तलबगार सांवरे,
हम तेरे हुए तलबगार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
बड़े भाव से बड़े चाव से,
तेरा लाढ़ करेंगे,
जहाँ रखोगे कदम कन्हैया,
वही पे हाथ रखेंगे,
ख्वाहिश पूरी करो एक बार सांवरे,
ख्वाहिश पूरी करो एक बार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
महलों जैसे ठाठ नहीं,
घर देखने तो आओ,
रहना ना चाहो कम से कम,
आजमाने तो आओ,
मोहित दिल से करे मनुहार सांवरे,
मोहित दिल से करे मनुहार सांवरे,
पलकों का घर तैयार साँवरे,
मेरी अखिया करे इंतज़ार साँवरे।
पलकों का घर तैयार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे।
पलकों का घर तैयार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
मेरी अखिया करे इन्तज़ार सांवरे,
पलकों का घर तैयार सांवरे।
Palkon Ka Ghar Tayyar Saware | पलकों का घर तैयार साँवरे | Kumar Deepak | Shyam Bhajan
यह एक भक्ति गीत है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह गीत एक भक्त की भावनाओं को व्यक्त करता है जो भगवान कृष्ण की सेवा करने के लिए उत्सुक है। गीत की पहली पंक्तियाँ भक्त की भावनाओं को व्यक्त करती हैं कि वह भगवान कृष्ण के लिए अपनी पलकों को एक घर बनाने के लिए तैयार है। वह भगवान कृष्ण के आने के लिए इंतजार कर रहा है ताकि वह उनकी सेवा कर सके।
Song: Palkon Ka Ghar Taiyar Saware
Singer: Kumar Deepak
Music: Shyama Prasad Chattarjee
Lyricist: Alok Gupta
Video: Saini Production
Category: Hindi Devotional (Shyam Bhajan)
Producers: Amresh Bahadur, Ramit Mathur
Label: Yuki
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