प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना लिरिक्स Prem Ka Dhaga Lyrics

इस भजन का मूल सन्देश यह है कि भक्त अपने आराध्य देव से बहुत प्यार करता है। वह चाहता है कि उनका प्रेम हमेशा बना रहे, चाहे कोई भी परिस्थिति हो। भक्त अपने आराध्य देव से प्रार्थना करता है कि वे हमेशा उसके साथ रहें और उसे जीवन की राह पर दिखाते रहें। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने आराध्य देव की भक्ति में दृढ़ रहना चाहिए, चाहे कोई भी परिस्थिति हो।

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना लिरिक्स Prem Ka Dhaga Lyrics, Prem Ka Dhaga Tumse Bandha

 
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना लिरिक्स Prem Ka Dhaga Lyrics

 प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रूठे ना,
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रुठे ना।

ना धन दौलत ना ही शोहरत,
और ना कोई ख़जाना,
दिल ये चाहे लगा रहे बस,
दर पे आना जाना,
तार जुड़े जो दर से अब वो टूटे ना,
चाहे सब रुठे, मेरे बाबा तू रूठे ना,
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रुठे ना।

मोह के बंधन छूट गए सब,
जब से जुड़ा हूँ तुमसे,
अब तो मिलता है हर गम भी,
मुस्कुरा के मुझसे,
थामे रहना हाथ कभी ये छूटे ना,
चाहे सब रुठे, मेरे बाबा तू रूठे ना,
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रुठे ना।

समझ के मुझको अपना तूने,
पकड़ी मेरी कलाई,
हर रस्ता आसान हुआ फिर,
बना जो तू हम राही,
जीवन पथ पे साथ तुम्हारा छूटे ना,
चाहे सब रुठे, मेरे बाबा तू रूठे ना,
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रुठे ना।

सोनू को बस यही शिकायत,
तुमसे यही गिला है,
इतनी देर से क्यों मेरे बाबा,
ये दरबार मिला है
अब ये सिलसिला जन्मोजन्म तक टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रूठे ना,
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रुठे ना।

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रूठे ना,
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रुठे ना।

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रूठे ना,
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना,
चाहे सब रूठे, मेरे बाबा तू रुठे ना।

श्री कृष्ण की लीलाएं :-
  1. नटकट मुरली - ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण की बांसुरी वादन का सभी जीवों पर मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रभाव था और यहां तक कि निर्जीव वस्तुएं भी जीवित हो उठती थीं और नृत्य करने लगती थीं।
  2. गोवर्धन पहाड़ी को उठाना - अपने बचपन के दौरान, कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पहाड़ी उठाई थी।
  3. कंस की हत्या - कृष्ण ने अपने दुष्ट चाचा कंस को मार डाला, जिसने अपने माता-पिता को कैद कर लिया था और मथुरा के लोगों पर अत्याचार किया था।
  4. रासलीला - रासलीला के रूप में जानी जाने वाली वृंदावन की गोपियों (चरवाहों) के साथ कृष्ण का नृत्य, हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे दिव्य और करामाती घटनाओं में से एक माना जाता है।
  5. द्रौपदी का उद्धार - महाभारत युद्ध के दौरान, जब पूरी सभा के सामने द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तब कृष्ण ने उसकी रक्षा की और उसे अपमान से बचाया।


प्रेम का धागा तुमसे बाँधा | Most Popular Shyam Bhajan | by Sheetal Pandey | Lyrical


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2 टिप्पणियां

  1. थोर संत जगी सांगून गेले ऐसा कलयुग
  2. थोर संत जगी सांगून गेले ऐसा कलयुग