प्रेम जब अनंत हो गया रोम रोम संत हो गया

प्रेम जब अनंत हो गया रोम रोम संत हो गया लिरिक्स

 
प्रेम जब अनंत हो गया रोम रोम संत हो गया लिरिक्स Prem Jab Anant Ho Gaya Lyrics

प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया,
देवालय बन गया बदन,
संत तो महंत हो गया,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।

प्रेम पंत अति ही अगम,
पार ना पावे कोय,
जा ऊपर हरी कृपा करे,
ता घट भीतर होय,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।

प्रेम ना बाड़ी उपजे,
प्रेम ना हाट बिकाय,
राजा परजा जो रुचे,
शीश दिए ले जाए,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।

प्रेम करो घनश्याम सो,
मन में छवि बसाय,
हरी चरणन भक्ति मिले,
जनम सफल होय जाय,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।

लाली मेरे लाल की,
जित देखू तित लाल,
लाल ही ढूंडन मैं गई ,
मैं भी हो गई लाल,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।

जो मैं ऐसो जानती,
प्रीत करे दुःख होय,
नगर ढिंढोरा पीटती,
प्रीत ना करीयो कोय,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।

प्रेम प्रेम सब कोई कहे,
प्रेम ना जाने कोय,
शीश काट हाथई धरो,
प्रेम कहावे सोय,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।

प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया,
देवालय बन गया बदन,
सन्त तो महंत हो गया,
प्रेम जब अनंत हो गया,
रोम रोम संत हो गया।
 
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