लेके निशान आये रींगस से चलके आये
लेके निशान आये रींगस से चलके आये
लेके निशान आये,
रींगस से चलके आये,
बाबाजी खाटू वाले तेरे धाम।
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
आयी भक्तजनों की टोली,
श्याम नाम की बोले बोली,
भांत भांत पे फूल हैं लाये,
गेंदा चंपा और चमेली,
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
आज लगे बनड़े सा बाबा,
ऐसो रूप सजायो प्यारो,
नैन हटे ना श्याम छवि से,
ऐसो लागे रूप न्यारो,
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
झूम झूम के नाचो गाओ,
श्याम धणी के द्वारे पे,
झोलियां फैला के मांगो,
हारे के सहारे से,
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
रींगस से चलके आये,
बाबाजी खाटू वाले तेरे धाम।
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
आयी भक्तजनों की टोली,
श्याम नाम की बोले बोली,
भांत भांत पे फूल हैं लाये,
गेंदा चंपा और चमेली,
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
आज लगे बनड़े सा बाबा,
ऐसो रूप सजायो प्यारो,
नैन हटे ना श्याम छवि से,
ऐसो लागे रूप न्यारो,
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
झूम झूम के नाचो गाओ,
श्याम धणी के द्वारे पे,
झोलियां फैला के मांगो,
हारे के सहारे से,
बड़ो रंग रंगीलो दरबार सजीलो,
म्हारे शीश के दानी को,
श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे।
हम रींगस से निशान लेकर खाटू धाम पहुंचे हैं। वहां का रंग-बिरंगा और सुंदर दरबार हम सभी का मन मोह रहा है। हम फूलों के साथ श्याम नाम का गुणगान करते हुए आए हैं। बाबा श्याम का सजा हुआ रूप इतना प्यारा है कि दृष्टि हटती नहीं है। श्रद्धा से हम नाचते-गाते हैं और श्याम बाबा से आशीर्वाद मांगते हैं। जय श्री श्याम।
Leke Nishaan Aaye Ringas Se Chalake Aaye-Khatu Shyam Bhajan | Shringar Bado Pyare Laage | श्रृंगार बड़ो प्यारो लागे | Sunil Sarvottam
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Song: Shringar Bado Pyaro Laage
Singer: Sunil Sarvottam
Lyricist: Sunil Kumar
Music: Sanjay Pal, Bunty Brijesh
Mix & Master: Sanjay Pal (Anjazz Studio)
Video: VInod Kumar
Category: Hindi Devotional (Khatu Shyam Bhajan)
Singer: Sunil Sarvottam
Lyricist: Sunil Kumar
Music: Sanjay Pal, Bunty Brijesh
Mix & Master: Sanjay Pal (Anjazz Studio)
Video: VInod Kumar
Category: Hindi Devotional (Khatu Shyam Bhajan)
खाटू धाम का वह पवित्र और रंग-बिरंगा दरबार हर भक्त के हृदय को आनंद और श्रद्धा से भर देता है, जहाँ श्याम बाबा का दिव्य स्वरूप सजधज कर भक्तों के सामने प्रकट होता है। यहाँ का वातावरण ऐसा है, मानो हर कण में श्याम के प्रेम और कृपा की सुगंध बसी हो। भक्तगण जब रींगस से निशान लेकर, फूलों की माला और श्याम नाम की मधुर बोली के साथ इस धाम में कदम रखते हैं, तो उनका मन स्वतः ही भक्ति की उस गहरी लहर में डूब जाता है, जहाँ सांसारिक चिंताएँ तिरोहित हो जाती हैं। बाबा का वह अलौकिक श्रृंगार, जिसमें हर रंग और हर भाव उनके दयालु स्वभाव को दर्शाता है, भक्तों की आँखों को ऐसा बाँध लेता है कि वे उस छवि से नजरें नहीं हटा पाते। यहाँ की हर झांकी, हर भेंट, और हर भजन भक्त के हृदय को श्याम के और करीब ले जाता है, जहाँ केवल प्रेम और समर्पण का ही वास होता है।
खाटू श्याम जी मंदिर न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर महाभारत काल के महान योद्धा बर्बरीक (भीम के पौत्र) को समर्पित है, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने कलियुग में 'श्याम' नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। भक्तों की मान्यता है कि यहां आने वाले हर हारे हुए, दुखी या निराश व्यक्ति को बाबा श्याम का सहारा और समाधान मिलता है, इसलिए उन्हें 'हारे का सहारा' कहा जाता है। मंदिर परिसर में स्थित श्याम कुंड, रींगस से पदयात्रा, और मंदिर की भव्यता इसे आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर बनाती है। यहाँ हर साल फाल्गुन एकादशी और देवउठनी ग्यारस पर विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। खाटू श्याम जी के दर्शन मात्र से मनोकामनाएँ पूर्ण होने की आस्था इसे एक अद्वितीय तीर्थ बनाती है।
मंदिर से जुड़ा रहस्य यह है कि बर्बरीक का शीश महाभारत युद्ध के बाद श्रीकृष्ण द्वारा रूपवती नदी में प्रवाहित किया गया था, जो बाद में खाटू गाँव की भूमि में दब गया। वर्षों बाद, एक गाय उस स्थान पर रोज़ अपने आप दूध गिराने लगी, जिससे गाँववालों को वहाँ कुछ विशेष होने का आभास हुआ। जब खुदाई की गई, तो वहाँ बर्बरीक का शीश मिला। खाटू के तत्कालीन राजा को सपने में श्रीकृष्ण ने आदेश दिया कि उस स्थान पर मंदिर बनाकर शीश की स्थापना की जाए। इसके बाद वहाँ भव्य मंदिर का निर्माण हुआ, जो आज खाटू श्याम जी के नाम से प्रसिद्ध है।
खाटू श्याम मंदिर से जुड़े अन्य रहस्यों में मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला विशेष ध्वज (निशान), खाटू श्याम कुंड, और भक्तों की मनोकामना पूर्ति की अद्भुत घटनाएँ शामिल हैं। मान्यता है कि यहाँ आने वाले भक्तों की हर समस्या का समाधान बाबा श्याम करते हैं, इसलिए उन्हें "हारे का सहारा" कहा जाता है। हर साल फाल्गुन एकादशी पर यहाँ विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस प्रकार, खाटू श्याम मंदिर न केवल ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से, बल्कि आस्था और चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है।
खाटू श्याम मंदिर से जुड़े अन्य रहस्यों में मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला विशेष ध्वज (निशान), खाटू श्याम कुंड, और भक्तों की मनोकामना पूर्ति की अद्भुत घटनाएँ शामिल हैं। मान्यता है कि यहाँ आने वाले भक्तों की हर समस्या का समाधान बाबा श्याम करते हैं, इसलिए उन्हें "हारे का सहारा" कहा जाता है। हर साल फाल्गुन एकादशी पर यहाँ विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस प्रकार, खाटू श्याम मंदिर न केवल ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से, बल्कि आस्था और चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है।
खाटू श्याम जी के मंदिर में हर साल फाल्गुन एकादशी के मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं और कई लोग अपने अनुभव साझा करते हैं कि बाबा श्याम ने उनकी मनोकामना पूरी की या असंभव कार्य संभव कर दिखाया। इन चमत्कारों और रहस्यों के कारण खाटू श्याम मंदिर को "हारे का सहारा" कहा जाता है, और यह स्थान श्रद्धा, विश्वास और दिव्य कृपा का अद्भुत केंद्र बना हुआ है।
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Author - Saroj Jangir
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