रींगस द्वार है खाटूधाम का जो भी भजन

रींगस द्वार है खाटूधाम का जो भी इससे जायेगा भजन

रींगस द्वार है खाटूधाम का, जो भी इससे जायेगा ।
पैदल चलता जो रस्ते पे, श्याम उसे मिल जायेगा।।
मेरे दोनों हाथों में ऐसी लकीर है
तुमसे मिनल होगा मेरी तकदीर है
लिखा है ऐसा लेख बाबा, लिखा है ऐसा लेख
लिखता है लिखने वाला, सोच समझ कर
मिलना बिछुड़ना बाबा होता समय पर
इसमें मीन ना मेख बाबा, इसमें मीन न मेख,
लिखा है.................................।।1।।

किस्मत का लेख कोई मिटा नहीं पायेगा
कैसे मिलन होगा, समय ही बताएगा
मिटती नहीं है रेख बाबा, मिटती नहीं है रेख,
लिखा है.................................।।2।।

ना वो दिन रहे हैं ना ये दिन रहेंगे
‘बनवारी’ देख लेना जल्दी मिलेंगे
इन हाथों को देख बाबा, इन हाथों को देख,
लिखा है.................................।।3।।
 

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post