सांवल सा गिरधारी भला हो रामा लिरिक्स Sanwal Sa Girdhari Lyrics

सांवल सा गिरधारी भला हो रामा लिरिक्स Sanwal Sa Girdhari Lyrics, Krishna Bhajan

सांवल सा गिरधारी,
भला हो रामा सांवल सा गिरधारी,
भरोसो भारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

लटपट पाग केशरिया जामा,
लटपग पाग जारी रा जामा,
हिवड़े रो हार हज़ारी,
भला हो रामा हिवड़े रो हार हज़ारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

मोर मुकुट सिर छत्र विराजे,
मोर मुकुट हरी रे छत्र विराजे,
कुंडल की छवि न्यारी,
भला हो रामा कुंडल की छवि न्यारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

वृंदावन में धेनु चरावे,
मधुबन में धेनु चरावे,
बंसी बजावे गिरवर धारी,
भला हो रामा मुरली बजावे छत्तरधारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

वृंदावन में रास रच्यो है,
मधुबन में रास रच्यो है,
शस्त्र गोद्या विच गिरधारी,
भला हो रामा रास रचावे गिरवरधारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

वृंदावन की कुञ्ज गलिन में,
मधुबन की कुञ्ज गलिन में,
खेलत राधे प्यारी,
भला हो रामा खेलत कृष्णमुरारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

इंद्र कोप किया ब्रज ऊपर,
इंद्र कोप कियो ब्रज ऊपर,
नख पर गिरवरधारी,
भला हो रामा नख पर गिरवरधारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

औरन तो और भरोसो,
औरन तो और भरोसो,
हमको तो आस तिहारी,
भला हो रामा हमको भरोसो भारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

बाई मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
बाई मीरा के प्रभु नटवर नागर,
चरण कमल बलिहारी,
भला हो रामा हरी के चरण बलिहारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।

सांवल सा गिरधारी,
भला हो रामा सांवल सा गिरधारी,
भरोसो भारी,
हरी बिना मोरी,
गोपाल बिना मोरी,
सांवल सेठ बिना मोरी,
कुण खबर लेवे म्हारी,
सांवल सा गिरधारी।।
 

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गिरधारी का अर्थ है "पर्वत उठाने वाला"। श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर अपनी शक्ति और दया का परिचय दिया। इसलिए उन्हें गिरधारी कहा जाता है। गिरधारी नाम श्री कृष्ण के लिए एक सम्मानजनक उपाधि है। यह उनकी शक्ति, दया और करुणा को दर्शाता है। "सांवल सा गिरधारी," एक भजन है जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा करता है। यह भजन कृष्ण के सांवले रंग और गोवर्धन पर्वत को उठाने की उनकी शक्ति को दर्शाता है।

भजन के पहले छंद में, भक्त भगवान कृष्ण को "सांवल सा गिरधारी" कहकर संबोधित करते हैं। "सांवल" का अर्थ है "सांवला"। कृष्ण को अक्सर सांवले रंग के रूप में चित्रित किया जाता है। भक्त यह मानते हैं कि कृष्ण का सांवला रंग उनकी दया और करुणा का प्रतीक है। दूसरे छंद में, भक्त भगवान कृष्ण की शक्ति की प्रशंसा करते हैं। वे कहते हैं कि कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगलियों से उठाया था। यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है जो कृष्ण की शक्ति और दया को दर्शाती है।

तीसरे छंद में, भक्त भगवान कृष्ण से अपने भक्तों की रक्षा करने की प्रार्थना करते हैं। वे कहते हैं कि कृष्ण ही एकमात्र हैं जो उन्हें संकट से बचा सकते हैं। चौथे छंद में, भक्त भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान करते हैं। वे कहते हैं कि कृष्ण एक पूर्ण भगवान हैं जो अपने भक्तों के लिए सब कुछ करते हैं। भजन एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति है प्रेम और भक्ति। यह हमें याद दिलाता है कि भगवान कृष्ण एक दयालु और करुणामय देवता हैं जो अपने भक्तों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
  • "सांवल सा गिरधारी" का अर्थ है "सांवला गोवर्धन पर्वत उठाने वाला"।
  • "गोवर्धन पर्वत को उठाना" एक अविश्वसनीय उपलब्धि है जो कृष्ण की शक्ति और दया को दर्शाती है।
  • "भक्तों की रक्षा करना" भगवान कृष्ण की जिम्मेदारी है।
  • "कृष्ण की महिमा का गुणगान करना" एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जब कोई भगवान की कृपा का अनुभव करता है।
भजन हमें भगवान कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें उनकी शक्ति और दया पर विश्वास करने के लिए भी प्रेरित करता है।
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