जय जय जय विमले महारानी , तेरी माया जग नहीं जानी । मस्तक रजत मुकुट हैं राजे , बाँये अखण्ड ज्योति बिराजे । । मंगल , शनि होत अभिषेका , आरति , पूजन भांति अनेका । केहरि साक्षात् रखवाला , अति मंजुल रमणीक शिवाला । उच्चभंग तव आसन राजे , पंचवटी सम चहुं दिश साजे ।
चैत , क्वार में जलती ज्योति , पूरण आश भक्त की होती । श्रद्धा से जो ज्योति जलाता , नशे पाप वांछित फल पाता । दर्शन जो कर गये तुम्हारे , हुए मुदित पाये सुख सारे । कह ली तेरी कीर्ति बखानी , तू है रिद्ध सिद्ध जग जानी । । दृग से प्रेम विन्दु टपकाती , लाज भक्त की सदा बचाती । न पूजा न अर्चन आता , निश दिन नाम तुम्हारे गाता । बस एक ध्यान तुम्हारे चरणा , होउं प्रसीद अनन्ता करुणा । जो जन राठ करे इक बारा , शत अष्ट जपे इक बारा । । तू ही शारदा , चण्डी , काली , दुर्गा , अम्बे , जग रखवाली । शिवा , तुमी , पुण्या , विमला , गौरी दृक् प्रकाशिनी कमला । ।
Chalisa Lyrics in Hindi
भूतेशा सर्व तीर्थमयी हो , वर्ण रूपिणी शास्त्रमयी हो । जन पूजिता व शुभा भारती , गुणमध्या तव करत आरती । अशुभवा हो भूत धारणी , सूक्ष्मा कल्पा व नारायणी । कृष्या पिंगला निरालसा हो , जन प्रिया सर्व ज्ञान प्रदा हो । नित्या नंदा कमला रानी , सूक्ष्मा सर्व गता महारानी । सदा जया गुणश्रया शान्ता , कामाक्षी निर्गुणा कान्ता । दम्या सुजया वरूपिणी , शास्त्रा दृश्या विंध्यवासिनी । तुम्ही जान्हवी देवा माता , पार्वती हो जगविख्याता । भूतेशा मात्रा शुभ्रा हो , इन्द्रा जेष्ठा व रौद्रा हो । तुम्ही चण्डिका जया दुरन्ता , दया दात्री तुम्ही दिगन्ता । ।
दुराशया दुर्जया कराली , तुम्ही कामिनी लोक निराली । । दर युक्ता दर हरा वनीशा , दृष्टि गोचरा तुम्ही मनीशा । सर्व अभीष्ट प्रदायनी अम्बे , दशदिक्ख्याता हो जगदम्बे । तुम्ही हो माता श्रुति पूजिता , दीन वत्सला देव वन्दिता । दयाश्रया कर्मज्ञान प्रदा हो , दुष्कृति हरता तुम्ही सदा हो । सरस्वती हो दुष्ट दाहिनी , जनप्रिया हो रोग नाशिनी । असुरहरा हो तुम्ही दिगम्बा , तू ही मोह माया हो जगदम्बा । देवरता हो देवमान्या , अम्बुज वासिनी देवधान्या । भूतात्मिका तुम्ही रूद्रानी , उमा माधवी हो ब्रम्हानी । गहूं मैं शरण परम गति पाऊँ , करहुं कृतार्थ जनम गुण गाऊँ । नित उठ पाठ करै नर जोई , ताकर पूर्ण मनोरथ होई । । हर विपदा में होत सहाई , अधम जानि नहि देव भुलाई । नौव दिवस तक करे उपासा , मन में रखें धैर्य विश्वासा । नवरात्रि में ज्योति जलाये , श्रद्धा से जो पाठ कराये । । मुदित होयगी निश्चित माता , हरण करेगी तीनों तापा । । । दोहा । । दम्या दुर्लभ रूपिणी , ज्ञान रूपा तपस्विनी । । निराकारा योगगम्या , नमोऽस्तुते विलासिनी ।