पितु मातु सहायक स्वामी सखा , तुम ही एक नाथ हमारे हो। जिनके कुछ और आधार नहीं ,
तिनके तुम ही रखवारे हो । सब भॉति सदा सुखदायक हो , दुख निर्गुण नाशन हरे हो । प्रतिपाल करे सारे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो । भूल गये हैं हम तो तुमको , तुम तो हमरी सुधि नहिं बिसारे हो ।
Aarati Lyrics Hindi Aarti Hindi Lyrics Text
उपकारन को कछु अंत नहीं, छिन्न ही छिन्न जो विस्तारे हो । महाराज महा महिमा तुम्हारी, मुझसे विरले बुधवारे हो । शुभ शांति निकेतन प्रेम निधि , मन मंदिर के उजियारे हो । इस जीवन के तुम ही जीवन हो ,
इन प्राणण के तुम प्यारे हो में । तुम सों प्रभु पये “कमल” हरि, केहि के अब और सहारे हो । ॥ इति श्री ब्रह्मा आरती ॥
ब्रह्मा जी हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे सृष्टि के रचयिता और ब्रह्मांड के रक्षक माने जाते हैं। ब्रह्मा जी को चार सिर और चार हाथों वाला माना जाता है। उनके चार सिर चारों वेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके चार हाथों में कमंडल, जपमाला, वरमुद्रा और अक्षरसूत्र होते हैं। ब्रह्मा जी की पूजा मुख्य रूप से वैष्णव धर्म में की जाती है। ब्रह्मा जी की पूजा अक्सर विष्णु जी और शिव जी के साथ की जाती है। ब्रह्मा जी की पूजा करने के लिए ब्रह्मा मंदिरों में जाया जाता है। ब्रह्मा जी की पूजा करने से ज्ञान, कला और संगीत की प्राप्ति होती है।