दादी गौरी की महिमा है भारी

दादी गौरी की महिमा है भारी


दादी गौरी की महिमा है भारी,
दर पर आते हैं लाखों नर-नारी।

ग्राम बांड्या में दादी का दरबार है,
सारी दुनिया में दादी का परिवार है।
दादी गौरी की महके फुलवारी,
दादी गौरी की महिमा है भारी।

भाग्यशाली हैं दादी के बच्चे सभी,
दादी गौरी न छोड़े साथ कभी।
जो बुलाता, उसी के पधारी,
दादी गौरी की महिमा है भारी।

महिमा है दादी की बड़ी ही महान,
प्रेम-भाव से करते जो गुणगान।
दादी लगती है प्राणों से प्यारी,
दादी गौरी की महिमा है भारी।

दादी गौरी के गावे मंदीप भजन,
दादी गौरी के चरणों में करता नमन।
जय-जय बोले गोपाल तिहारी,
दादी गौरी की महिमा है भारी।


राणीसती राणा ने कह रही जी लेज्या राणा भस्मी और घोड़ी तेरे साथ मंदिर बणसी मेरो जोर को जी #Ambrish

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यह वीडियो सम्बलपुर में आयोजित दादीजी के वार्षिक उत्सव का है इस अवसर पर सुदर्शन कुमार द्वारा मंगलपाठ एवं अम्बरीष कुमार द्वारा भजन संध्या प्रस्तुत की गई थी
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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