सोने के सिंहासन पर बैठे मेरे राम भजन
सोने के सिंहासन पर बैठे मेरे राम भजन
जय जय जय हनुमान जी राम राम
सोने के सिंहासन पर बैठे मेरे राम जी,
चरणों में बैठे हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
केसर तिलक लगये मेरे राम जी,
लाल सिंदूर हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
कौशल्या नंदन कहाए मेरे राम जी,
अंजनी के लाल हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
सारी रामायण में हैं मेरे राम जी,
सुन्दरकाण्ड हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
मुक्ति के दाता हैं देखो मेरे राम जी,
भक्ति के दाता हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
पीला पीताबर पहने मेरे राम जी,
लाल लंगोट हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
फल और मेवा खाए मेरे राम जी,
लड्डुवन का भोग हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
सरे जगत के मालिक मेरे राम जी,
हमारे तो मालिक हनुमान जी राम राम,
जय जय जय हनुमान जी राम राम।
सोने के सिंहासन पे बैठे मेरे राम जी चरणों मे बैठे हनुमान जी || Ram Bhakti Geet || Ram Hanuman Bhajan
■ Title ▹Sone Ke Singhasan Par Baithe Mere Ram Ji Charno Mei Baithe Hanuman Ji
■ Artist ▹Ritu
■ Singer ▹Sheela kalson
■ Music ▹Pardeep Panchal
■ Lyrics & Composer ▹Traditional
■ Editing ▹KV Sain
■ Label ▹Geet Mithas
■ Copyright ▹Fine Digital Media
हनुमान जी के माथे पर केसर तिलक और लाल सिंदूर का वर्णन है, जो उनकी शक्तिशाली और दिव्य छवि को दर्शाता है। कौशल्या नंदन (राम) और अंजनी के लाल (हनुमान) के रूप में उनकी जन्मभूमि और पौराणिक संबंधों का उल्लेख है। संपूर्ण रामायण में राम और हनुमान जी की महत्ता बताई गई है, विशेष रूप से सुन्दरकाण्ड में हनुमान जी की बहादुरी और भक्ति उजागर होती है। हनुमान जी को मुक्ति और भक्ति के दाता के रूप में पूजा जाता है, जो पीला पीताबर और लाल लंगोट पहने हुए हैं। वे फल और मेवा खाते हैं जो लड्डूवन के भोग के रूप में प्रस्तुत होता है।
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