करे विश्वाश किस पर हम यहाँ, सब लोग झूठे है, सुन रहा है ना सांवरे।
सभी के चेहरों पर बाबा, यहाँ नकली मुखोटे हैं, इक तू सच्चा है मेरे सांवरे, गैर नाते है सभी संसार के, तू सहारा हारो का है सांवरे, आ गया मैं भी सब कुछ हार के।
हमारे दिल से वो खेला, जिसे दिल ने कहा अपना, मेरे अपनों ने ही तोडा, मेरे जीवन का हर सपना, होठो में फ़रियाद आँखों में नमी, भर के आया हु तेरे दरबार में, तू सहारा हारो का है सांवरे, आ गया मैं भी सब कुछ हार के।
उसे अपनया है तुमने, जिसे सब ने ठुकराया है, हज़ारो के मुकददर को, तुम्ही ने तो बनाया है, शर्मा की किस्मत तुम्हारे हाथ में, सांवरे उसको भी अब सवार दे, तू सहारा हारो का है सांवरे, आ गया मैं भी सब कुछ हार के।