इस प्यारी प्यारी दुनिया में क्यूँ अलग अलग तक़दीर मिलते हैं किसी को बिन मांगे ही मोती कोई मांगे लेकिन भीख नसीब ना होती क्या सोच के है मालिक ने रची ये दो रंगी तस्वीर इस प्यारी प्यारी दुनिया में क्यूँ अलग अलग तक़दीर
कुछ किस्मत वाले सुख से अमृत पीते कुछ दिल पर रख कर पत्थर जीवन जीते कहीं मन पंछी आकाश उड़े कहीं पाँव पड़ी ज़ंजीर इस प्यारी प्यारी दुनिया में क्यूँ अलग अलग तक़दीर