कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय Home Remedies to cure Constipation in Hindi

कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय Home Remedies to cure Constipation कब्ज के कारण और निदान

कब्ज क्या है ?

हमारे शरीर की सभी गतिविधियां बिगड़ जाती हैं यदि पाचन ठीक नहीं है और इसलिए हमें सबसे पहले हमारे पेट पर ध्यान देना चाहिए। पाचन तंत्र के सुदृढ़ होने पर पोषक तत्वों का शरीर में संग्रह होता है और व्यक्ति कई प्रकार की अन्य बिमारियों से बचा हुआ रहता है। हम कुछ तो हमारे खाने पिने की आदतों में बदलाव करके और कुछ आयुर्वेदा की शरण में जाकर अपने पाचन को मजबूत बना सकते हैं। कोशिश तो
हमें ही करनी होगी। आप गौर कीजिये की पित्त के ख़राब होने पर कितने रोग लग जाते हैं और पित्त का सबंध सीधे सीधे हमारे पेट से है, तो पाचन पर ध्यान देना जरुरी है। 

कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय Home Remedies to cure Constipation in Hindi

सर्वप्रथम तो आप वैद्य से संपर्क करें जो आपके शरीर की प्रकृति के अनुसार आपको दवाओं का सुझाव देगा। यहाँ हम पतंजलि आयुर्वेदा के द्वारा निर्मित पाचन को सुधारने सबंधी दवाओं के बारे में आपको बता रहे हैं जो की एक सामान्य जानकारी है।

कब्ज सूक्ष्म भी होता है और वृहद भी। वृहद कब्ज को आप ऐसे समझिये की समय पर मल का नहीं लगना, मल का अधिक ठोस या तरल होना, गैस, अजीर्ण, बदहजमी आदि। सूक्ष्म कब्ज से अभिप्राय है की मल त्याग तो हो रहा है लेकिन पूर्णतया नहीं। मल का कुछ भाग आँतों में पड़ा रह जाता है और गैस पैदा करता है। मल का कम आना और अनियमित आना भी कब्ज ही कहा जायेगा।

कब्ज के कारण

कब्ज सामान्यतया हमारे शरीर की प्रकृति के विरुद्ध खान पान की वजह से होता है। कब्ज के निम्न प्रमुख कारण होते हैं।
  • आहार में फाइबर की कमी का होना।शारीरिक मेहनत का अभाव होना।
  • बढ़ती उम्र के कारन कब्ज का होना।
  • ज्यादा मसालेदार और तैलीय प्रदार्थों का सेवन करना।
  • अनियमित दिनचर्या और समय पर शौच न जाना।
  • दवाओं का अत्यधिक सेवन करना।
  • प्रयाप्त मात्रा में पानी न पीना।
  • गर्भावस्था के दौरान कब्ज का होना।
  • मानसिक तनाव और चिंता करना।
  • प्रयाप्त नींद की कमी।
  • अस्त व्यस्त जीवन शैली का होना 

यह भी पढ़ें : कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक ओषधियाँ

कब्ज को कैसे दूर करें

कब्ज से सबंधित आयुर्वेदि ओषधियों के बारे में जानने से पहले आप स्वंय क्या कर सकते हैं इसके बारे में जानना अधिक श्रेयकर होता है। आइये जानते हैं की आप ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कब्ज की समस्या में सुधार हो पाए।
  • भोजन में हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें।
  • फाइबर युक्त आहार लें। मैदा और महीन पीसे हुए अनाज के सेवन में सतर्क रहे।
  • खाना खाने के थोड़ी देर बाद टहलें।
  • दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी पिए।
  • शारीरिक मेहनत करें।
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट करें और खुश रहें।
  • समय पर शौच जाएँ और मूत्र / मल को कभी रोकें नहीं।
  • खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पिए।
  • ताजे फल और सब्जियों का उपयोग अधिक करें।
  • डिब्बाबंद भोजन से दूर रहें। 

गर्म दूध में घी

गर्म दूध में घी कब्ज के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है, जो एक प्रकार का फैटी एसिड है जो मल को नरम करने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, घी में वसा और कैलोरी होती है, जो कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि वे अक्सर कमजोर और कमजोर महसूस करते हैं।

गर्म दूध में घी लेने के लिए, बस एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी मिलाएं और पी लें। आप इसे रात को सोने से पहले ले सकते हैं या दिन में किसी भी समय ले सकते हैं जब आपको कब्ज हो।
 

जीरा और अजवाइन

जीरा और अजवाइन दोनों ही भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले आम मसाले हैं। इन दोनों में कई औषधीय गुण होते हैं, जिनसे पेट की कई समस्याओं से राहत मिल सकती है।

जीरा में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये पोषक तत्व पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। जीरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

अजवाइन में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा, अजवाइन में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मodic गुण भी होते हैं। ये गुण पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

पेट साफ करने में मदद करता है। जीरा और अजवाइन में फाइबर होता है, जो मल को नरम करने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है।
एसिडिटी में राहत देता है। जीरा और अजवाइन में एंटी-एसिड गुण होते हैं, जो एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं।
उल्टी आना और पेट दर्द में राहत देता है। जीरा और अजवाइन में एंटी-स्पास्मodic गुण होते हैं, जो पेट में ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं।
पेट में मरोड़ में राहत देता है। जीरा और अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

जीरा और अजवाइन का उपयोग कैसे करें
जीरा और अजवाइन का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है। इनका उपयोग खाना पकाने में किया जा सकता है, या इनका पानी या काढ़ा बनाया जा सकता है।

जीरा और अजवाइन का पानी बनाने के लिए:

1 चम्मच जीरा और 1 चम्मच अजवाइन को एक कप पानी में डालें।
पानी को उबालें और फिर इसे धीमी आँच पर 5 मिनट तक पकाएं।
पानी को छान लें और इसे दिन में दो बार पिएं।
 

मुनक्के का सेवन

मुनक्का कब्ज के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। मुनक्का में फाइबर, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मल को नरम करने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, मुनक्का में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

मुनक्का का सेवन कब्ज के लिए कई तरह से किया जा सकता है। सबसे आम तरीका है मुनक्का को रात भर पानी में भिगोकर रखना और सुबह इसका पानी पीना। मुनक्का को गर्म दूध के साथ भी लिया जा सकता है।
 

त्रिफला चूर्ण का सेवन

त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। त्रिफला में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मल को नरम करने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, त्रिफला में मौजूद पाचन एंजाइम भी पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं।

त्रिफला चूर्ण का सेवन कब्ज के लिए कई तरह से किया जा सकता है। सबसे आम तरीका है त्रिफला चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलाकर पीना। त्रिफला चूर्ण को गर्म दूध या दही के साथ भी लिया जा सकता है।
 

दही और अलसी

दही और अलसी के बीज का पाउडर एक स्वस्थ और पौष्टिक नाश्ता या स्नैक है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने, वजन कम करने और कई अन्य स्वास्थ्य लाभों में मदद कर सकता है।

दही में प्रोबायोटिक होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
दही में प्रोटीन और कैल्शियम होता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
दही में विटामिन और खनिज होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।

अलसी के बीज के पाउडर में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं। घुलनशील फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जबकि अघुलनशील फाइबर पाचन तंत्र को साफ करने में मदद करता है।
अलसी के बीज के पाउडर में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अलसी के बीज के पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।
 

आंवला जूस

आंवला जूस एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक पेय है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। आंवला में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, और अन्य पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है।

आंवला जूस के फायदे:
  • पाचन में सुधार: आंवला में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आंवला जूस पीने से कब्ज, अपच, और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।
  • इम्यूनिटी को बढ़ावा: आंवला में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। आंवला जूस पीने से सर्दी-खांसी, फ्लू, और अन्य संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ सकती है।
  • त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है: आंवला में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो त्वचा को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं। आंवला जूस पीने से त्वचा में निखार आ सकता है और झुर्रियों को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है: आंवला में विटामिन सी, प्रोटीन, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं। आंवला जूस पीने से बालों का झड़ना कम हो सकता है और बालों को घना बनाने में मदद मिल सकती है।
  • वजन कम करने में मदद करता है: आंवला में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो भूख को कम करने और वजन कम करने में मदद कर सकती है।

आंवला जूस कैसे बनाएं:
आंवला जूस बनाने के लिए, ताजे आंवले को धोकर छील लें और उनका रस निकाल लें। आप आंवला पाउडर या आंवला सिरप का भी उपयोग कर सकते हैं।
 

जई का चोकर

जई का चोकर एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है जो जई के बीज के बाहरी आवरण से बनाया जाता है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य, हृदय स्वास्थ्य और रक्त शर्करा नियंत्रण में सुधार के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। जई के चोकर में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो कब्ज से राहत देने और आंतों के कामकाज में सुधार करने में मदद करते हैं। घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करके एक जेल बनाता है जो कब्ज को रोकने में मदद करता है। अघुलनशील फाइबर मल को नरम और आसानी से पारित करने में मदद करता है।
 

हरे पत्तेदार सब्जियां

हरे पत्तेदार साग आंतों के कामकाज में सुधार के लिए एक उत्कृष्ट भोजन हैं। इनमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो कब्ज से राहत देने और आंतों की गतिशीलता में सुधार करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, हरे पत्तेदार साग में फोलेट, विटामिन सी और विटामिन के भी होते हैं, जो सभी आंतों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करके एक जेल बनाता है जो कब्ज को रोकने में मदद करता है। अघुलनशील फाइबर मल को नरम और आसानी से पारित करने में मदद करता है। फोलेट कोशिकाओं के विकास और मरम्मत के लिए आवश्यक है, और यह आंतों के अस्तर के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।

विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो सूजन को कम करने में मदद करता है। यह आंतों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करता है। विटामिन के रक्त के थक्के जमने के लिए आवश्यक है। यह आंतों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आंतों के अस्तर को नुकसान से बचाने में मदद करता है।
 

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना कब्ज से बचने या राहत पाने का सबसे सस्ता और सरल उपाय है। पानी मल को नरम और आसानी से पारित करने में मदद करता है। यह कब्ज के अन्य लक्षणों जैसे कि पेट में दर्द और ऐंठन को भी कम करने में मदद कर सकता है।
पानी के अलावा अन्य तरल पदार्थ जो कब्ज में सुधार कर सकते हैं:
फलों और सब्जियों का रस: तरबूज, नींबू, संतरे, नारियल पानी, और गाजर का रस कब्ज में राहत देने में मदद कर सकते हैं।
सूप: साफ सूप भी कब्ज में राहत देने में मदद कर सकते हैं।
दूध और दही: दूध और दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।
 

सौंफ का पानी

सौंफ का पानी पेट की गर्मी और एसिडिटी के लिए एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है। सौंफ में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो पेट की सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, सौंफ में फाइबर होता है, जो मल को नरम करने और कब्ज को रोकने में मदद करता है। सौंफ का पानी बनाने के लिए, 1 कप उबले हुए पानी में 1 चम्मच सौंफ मिलाएं और इसे रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे छान लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में 3 बार पीने से पेट की गर्मी और एसिडिटी की समस्या दूर हो जाएगी।

सौंफ का पानी पेट के फूलने और गैस की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। सौंफ में मौजूद फाइबर पेट में गैस को बनने से रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, सौंफ में मौजूद एंटी-स्पास्मोडिक गुण पेट में होने वाले ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं।
 

एलोवेरा जूस

एलोवेरा जूस पेट की जलन और कब्ज दोनों के लिए एक प्रभावी उपाय है। एलोवेरा जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एसिड गुण होते हैं, जो पेट की सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, एलोवेरा जूस में फाइबर होता है, जो मल को नरम करने और कब्ज को रोकने में मदद करता है।

एलोवेरा जूस बनाने के लिए, एलोवेरा की पत्ती से जेल निकालें और इसे एक गिलास पानी में मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में 2-3 बार पीने से पेट की जलन और कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी।
 

अदरक

अदरक पेट की गैस और पाचन संबंधी अन्य समस्याओं के लिए एक प्रभावी उपाय है। अदरक में एंटी-स्पास्मोडिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट में होने वाली ऐंठन और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, अदरक में पाचन एंजाइम होते हैं, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं।

अदरक का रस बनाने के लिए, एक चम्मच अदरक को कद्दूकस कर लें और इसे एक कप पानी में मिलाएं। इस मिश्रण को उबाल लें और फिर इसे छान लें। इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं और इसे दिन में 2-3 बार पीएं।
 

अंजीर

अंजीर कब्ज से निजात दिलाने में मदद करता है। अंजीर में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो कब्ज को दूर करने में मदद करता है। अंजीर को रात में भीगो देने से उसमें मौजूद फाइबर नरम हो जाता है, जिससे इसे आसानी से पचाया जा सकता है। अंजीर को भीगे हुए खाने से मल नरम होता है और आसानी से पेट से बाहर निकल जाता है।

शहद

शहद कब्ज में फायदेमंद होता है। शहद में प्राकृतिक रूप से लैक्सेटिव गुण होते हैं, जो मल को नरम करने और पेट साफ करने में मदद करते हैं। शहद में मौजूद फाइबर भी कब्ज को दूर करने में मदद करता है। अंजीर और शहद दोनों ही कब्ज में फायदेमंद होते हैं। अंजीर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो मल को नरम करने में मदद करता है। शहद में प्राकृतिक रूप से लैक्सेटिव गुण होते हैं, जो मल को नरम करने और पेट साफ करने में मदद करते हैं।

अंजीर और शहद को एक साथ लेने से कब्ज में और अधिक राहत मिल सकती है। अंजीर को रात में पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट भिगोए हुए अंजीर को खा लें। फिर, एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें। इस तरह से अंजीर और शहद का सेवन करने से कब्ज की समस्या जल्दी दूर हो जाती है।

कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय

कुछ घरेलु उपायों से हम कब्ज को दूर कर सकते हैं। यदि क्रोनिक कब्ज हो तो वैद्य से संपर्क करें। कब्ज की समस्या में बताये गए उपायों का पालन करे लाभ मिलेगा। सुबह उठने के उपरान्त एक गिलास पानी पिने की आदत बनाये। आप निम्बू के रस में काला नमक मिलाकर पिए लाभ मिलेगा। 
  1. भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
  2. रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
  3. रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
  4. सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
  5. सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
  6. रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
  7. एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
  8. रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है।
  9. शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है।
  10. आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है।
  11. ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
  12. देर रात चाय या कॉफी पीने से भी डाइजेशन खराब हो सकता है।
  13. चाय और कॉफी पीने से बचना चाहिए। थोड़ा सा मक्का लेने से पेट साफ होता है और कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।
  14. रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले त्रिफला चूर्ण / बहेड़ा चूर्ण का प्रयोग गुनगुने पानी के साथ करें लाभ मिलेगा।
  15. रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
  16. खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
  17. अमरूद और पपीता कब्‍ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
  18. पालक का रस पीने से कब्‍ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्‍जी का प्रयोग करना चाहिए।
  19. कब्‍ज की समस्‍या से बचने के लिए नियमित रूप से व्‍यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्‍ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
  20. रात्रि कालीन भोजन के उपरांत शुद्धि चूर्ण का इस्तेमाल करें।
  21. रात को सोते वक्‍त अरंडी के तेल को हल्‍के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा। 

जीवनशैली में भी लाएं ये बदलाव

तली वसायुक्‍त चीजें, कैफीन, चॉकलेट, मसालेदार भोजन से पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे सीने में जलन हो सकती है। इन चीजों का सेवन करने से बचने से सीने में जलन को कम करने में मदद मिल सकती है।
ज्यादा मोटापा भी सीने में जलन का कारण बन सकता है। अगर आपका वजन ज्‍यादा है तो सबसे पहले आप इसे कम करें। वजन कम करने से पेट में एसिड का उत्पादन कम होता है और सीने में जलन को कम करने में मदद मिलती है।
रात को सोने से कम से कम 3 घंटे पहले भोजन कर लें। सोने से पहले भोजन करने से पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे सीने में जलन हो सकती है। इसलिए, रात को सोने से कम से कम 3 घंटे पहले भोजन करना चाहिए।
शराब और तंबाकू का सेवन करने से बचें। शराब और तंबाकू भी सीने में जलन का कारण बन सकते हैं। इसलिए, शराब और तंबाकू का सेवन करने से बचना चाहिए।
ढीले कपड़े पहनने से पाचन तंत्र पर कम दबाव पड़ता है। कसकर पहने हुए कपड़े पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे सीने में जलन हो सकती है। इसलिए, ढीले कपड़े पहनना चाहिए।

इन जीवनशैली में बदलावों के अलावा, निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखना चाहिए:
नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम करने से पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पानी पीने से पेट साफ रहता है और सीने में जलन को कम करने में मदद मिलती है।
तनाव से बचें। तनाव भी सीने में जलन का कारण बन सकता है। इसलिए, तनाव से बचने के लिए योग, ध्यान या अन्य तरीकों का सहारा लें।

यदि आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं तो सीने में जलन की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
  1. कब्ज का घरेलु इलाज home remedies to relieve constipation naturally
  2. कब्ज दूर करने के लिए पाचक चूर्ण घर पर कैसे बनाये Home Made Pachak Churna Hindi
  3. कब्ज दूर करने के घरेलु नुस्खे गैस कब्ज और एसिडिटी से छुटकारा पाएं
कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय Home Remedies to cure Constipation कब्ज के कारण और निदान
Disclaimer : इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी https://lyricspandits.blogspot.com की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है। अस्वीकरण सबंधी विस्तार से सूचना के लिए यहाँ क्लिक करे।
+

एक टिप्पणी भेजें