पायरिया रोग का घरेलु इलाज Home Remedies for Pyorrhea in Hindi

पायरिया रोग का घरेलु इलाज Home Remedies for Pyorrhea

पायरिया एक दांतों और मसूड़ों की बीमारी है जो मसूड़ों की सूजन, लालिमा और रक्तस्राव का कारण बनती है। यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है, जिससे दांतों का नुकसान और यहां तक ​​कि दांतों का गिरना भी हो सकता है। पायरिया का मुख्य कारण मसूड़ों में बैक्टीरिया का निर्माण है। ये बैक्टीरिया प्लाक बनाते हैं, जो एक चिपचिपा, सफेद पदार्थ है जो दांतों और मसूड़ों पर जमा हो जाता है। यदि प्लाक को नियमित रूप से साफ नहीं किया जाता है, तो यह एक कठोर पट्टिका में बदल सकता है, जिसे टार्टर कहा जाता है। टार्टर मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और सूजन का कारण बन सकता है।
 
पायरिया रोग का घरेलु इलाज Home Remedies for Pyorrhea in Hindi
 

पायरिया रोग क्या है

पायरिया एक दांतों की बीमारी है जिसमे दांत ढीले होकर दर्द करने लग जाते हैं। पायरिया का मुख्य कारण है दांतों की सही ढंग से सफाई का अभाव। पायरिया का इलाज आमतौर पर नियमित दंत सफाई और घरेलू देखभाल के साथ किया जाता है। दंत चिकित्सक मसूड़ों की सफाई के लिए एक उपकरण का उपयोग कर सकते हैं और टार्टर को हटा सकते हैं। घरेलू देखभाल में नियमित रूप से ब्रश करना, फ्लॉस करना और माउथवॉश का उपयोग करना शामिल है। पायरिया एक प्रकार का मसूड़ों का संक्रमण है जो दांतों और मसूड़ों के बीच की संरचनाओं को नुकसान पहुंचाता है। यह एक आम बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है।

पायरिया का मुख्य कारण मुंह में बैक्टीरिया का निर्माण है। जब हम खाते हैं, तो हमारे मुंह में भोजन के कण और बैक्टीरिया जमा होते हैं। ये बैक्टीरिया प्लाक बनाते हैं, जो एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो दांतों पर जमा हो जाता है। यदि प्लाक को नियमित रूप से हटाया नहीं जाता है, तो यह टार्टर बन सकता है, जो एक सख्त पदार्थ होता है जो दांतों और मसूड़ों से चिपक जाता है। टार्टर बैक्टीरिया के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है, जो मसूड़ों की सूजन और संक्रमण का कारण बन सकता है।

पायरिया के कारण

पायरिया का मुख्य कारण दातों की सही ढंग से सफाई नहीं करना और खाने पीने के बाद मुंह की सफाई का अभाव होता है। यदि समय पर पायरिया का इलाज न किया जाय तो यह सभी दातों के गिरने का कारण बन सकता है। कई बार लिवर की खराबी के कारण रक्त में अम्लता का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण भी पायरिया हो जाता है। पायरिया का एक कारण खराब पाचन का होना भी माना जाता है। मुंह में सफाई के अभाव में बेक्टेरिया पैदा हो जाते हैं जो मसूड़ों को भी संक्रमित कर देते हैं और मसूड़ों में से खून आना शुरू हो जाता है।

पायरिया को एक पंक्ति में समझना हो तो पायरिया रोग में मसूड़ों का सूज जाना होता है और दांत ढीले होने लगते हैं। सांसों से बदबू आने लगती है और ये होता है बेक्टेरिया के कारण। कई बार पायरिया का कारण शरीर में कैल्सियम की कमी का होना भी एक कारन बनता है। पायरिया का मुख्य कारण मुंह में बैक्टीरिया का निर्माण है। जब हम खाते हैं, तो हमारे मुंह में भोजन के कण और बैक्टीरिया जमा होते हैं। ये बैक्टीरिया प्लाक बनाते हैं, जो एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो दांतों पर जमा हो जाता है। यदि प्लाक को नियमित रूप से हटाया नहीं जाता है, तो यह टार्टर बन सकता है, जो एक सख्त पदार्थ होता है जो दांतों और मसूड़ों से चिपक जाता है। टार्टर बैक्टीरिया के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है, जो मसूड़ों की सूजन और संक्रमण का कारण बन सकता है।

दांतों की सफाई में लापरवाही भी पायरिया का एक प्रमुख कारण है। जब हम अपने दांतों को ठीक से नहीं ब्रश करते हैं, तो प्लाक और टार्टर जमा होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, फ्लॉसिंग न करना भी मसूड़ों के बीच से प्लाक और टार्टर को हटाने से रोकता है।

कैल्शियम की कमी भी पायरिया का एक संभावित कारण है। कैल्शियम दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाने में मदद करता है। जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो मसूड़ कमजोर हो सकते हैं और संक्रमण के लिए अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

पायरिया के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:
  • धूम्रपान
  • कुछ दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड
  • कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे कि मधुमेह और प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी
जब हम खाते हैं, तो हमारे मुंह में भोजन के कण और बैक्टीरिया जमा होते हैं। ये बैक्टीरिया प्लाक बनाते हैं, जो एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो दांतों पर जमा हो जाता है। प्लाक में बैक्टीरिया दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

यदि प्लाक को नियमित रूप से हटाया नहीं जाता है, तो यह टार्टर बन सकता है। टार्टर एक सख्त पदार्थ होता है जो दांतों और मसूड़ों से चिपक जाता है। टार्टर बैक्टीरिया के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है, जो मसूड़ों की सूजन और संक्रमण का कारण बन सकता है।

मसूड़ों की सूजन के कारण मसूड़ों से खून बहने लग सकता है। मसूड़ों की सूजन और संक्रमण के कारण मसूड़ों से दूरी बढ़ सकती है। यह अंतराल और अधिक बैक्टीरिया के निर्माण के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है।

समय के साथ, संक्रमण दांतों को सहारा देने वाली हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे दांत ढीले हो सकते हैं और गिर सकते हैं।

पायरिया एक गंभीर बीमारी हो सकती है जो दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। नियमित रूप से अपने दांतों को ब्रश करना और फ्लॉस करना, नियमित रूप से अपने दंत चिकित्सक से जांच करवाना, और धूम्रपान न करना पायरिया से बचाव के लिए महत्वपूर्ण उपाय हैं।
पायरिया के सबसे आम कारणों में शामिल हैं:
  • गलत तरीके से खानपान: मीठा, चिपचिपा, या स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ प्लाक के निर्माण को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • दांतों की सही तरीके से देखभाल न करना: दिन में दो बार ब्रश करने और दिन में एक बार फ्लॉस करने से प्लाक और टार्टर को हटाने में मदद मिल सकती है।
  • तंबाकू का सेवन: तंबाकू मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और पायरिया के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  • कई दिनों तक ब्रश नहीं करना: जब आप अपने दांतों को ब्रश नहीं करते हैं, तो प्लाक और टार्टर जमा हो सकते हैं, जिससे मसूड़ों की सूजन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • दांतों के बीच खाने के कण फंसे रहना: दांतों के बीच खाने के कण प्लाक और टार्टर के निर्माण को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • दांतों में गलत तरीके से टूथपिक का इस्तेमाल: टूथपिक का उपयोग करने से मसूड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
पायरिया के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:
  • कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड, मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • कुछ स्वास्थ्य स्थितियां: कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे कि मधुमेह, मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • आनुवंशिकी: कुछ लोगों में पायरिया विकसित होने का अधिक खतरा होता है।

पायरिया को रोकने के लिए, निम्नलिखित युक्तियों का पालन करें:
  • अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करें, प्रत्येक बार दो मिनट के लिए।
  • दिन में एक बार फ्लॉस करें।
  • नियमित रूप से अपने दंत चिकित्सक के पास जाएं।
  • स्वस्थ आहार खाएं और धूम्रपान न करें।

पायरिया के लक्षण

पायरिया के लक्षणों में दांतों का हिलना, मसूड़ों का ढीला होना और उनमे से अक्सर खून का आना, सांसों से दुर्गन्ध का आना होता है। यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने दंत चिकित्सक से संपर्क करें। पायरिया एक गंभीर बीमारी हो सकती है जो दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है।

पायरिया के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं। शुरुआती लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
  • मसूड़ों में सूजन और लालिमा
  • मसूड़ों से खून बहना
  • दांतों के आसपास की जगह में बढ़ोतरी
  • दांतों में संवेदनशीलता
  • सांसों से बदबू आना

डॉक्टर से सलाह कब ले

सबसे महत्वपूर्ण है की आप समय पर डॉक्टर से इस रोग का उपचार प्राप्त करें। यदि आपके शरीर में कैल्शियम का लेवल कम है तो आपको डॉक्टर के बताये गयी दवा का सेवन करना चाहिए।

पायरिया रोग का घरेलु इलाज Home Remedies for Pyorrhea

पायरिया रोग में घरेलु उपचार : डॉक्टर की दवाओं के साथ साथ आप अपनी तरफ से भी कुछ प्रयत्न कीजिये और इस रोग को फैलने से रोकने के कदम उठायें। आईये जानते हैं की वो स्टेप्स क्या हैं जो हम उठा सकते हैं।
  • यदि डॉक्टर आपके शरीर में कैल्शियम का लौ लेवल बताता है तो आप उन खाद्य प्रदार्थों का अधिक सेवन करें जिनमे कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है।
  • नियमित रूप से दूध और दही का सेवन करें।
  • कैल्शियम की कमी के लिए आंवले का सेवन उत्तम करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है।
  • पान में चुने का सेवन करने से भी कैल्शियम की कमी दूर होते हैं।
  • खाने के बाद मुंह को नियमित रूप से साफ़ करें। दिन में दो बार नरम ब्रश से दांतों को साफ़ करें।
  • अजीर्ण और कब्ज को दूर करने के कोशिश करें।
  • नीम के रस से दानों को साफ़ करें।
  • हल्दी और नमक से बने दन्त मंजन करें।
  • गाजर और पालक के रस का सेवन करें।
  • चूंना सुद्ध करके उसके पानी का सेवन करने से भी कैल्शियम का स्तर बढ़ता है।
  • देसी गाय के घी का सेवन करे। देसी गाय के घी को मुंह में लगाने से भी बेक्टेरिया समाप्त होते हैं।

मसूड़ो की मालिश करें

मसूड़ों की मालिश के फायदे
  • मसूड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
  • मसूड़ों से प्लाक और टैटार को हटाने में मदद मिलती है।
  • मसूड़ों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
  • मसूड़ों की बीमारी को रोकने में मदद मिलती है।

मसूड़ों की मालिश कैसे करें
  • मसूड़ों की मालिश करने के लिए नारियल या तिल के तेल का इस्तेमाल करें।
  • अपने उंगलियों को तेल में डुबोएं।
  • अपने दांतों के चारों ओर मसूड़ों को हल्के से मालिश करें।
  • प्रत्येक दांत के लिए लगभग 30 सेकंड तक मालिश करें।
  • मालिश करने के बाद गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
मसूड़ों की मालिश के लिए टिप्स
  • मसूड़ों को बहुत जोर से न दबाएं।
  • अगर आपको मसूड़ों में दर्द या जलन हो रही है, तो मालिश करना बंद कर दें।
  • मसूड़ों की मालिश रोजाना करें।
मसूड़ों की मालिश के लिए कुछ घरेलू उपचार
  • नारियल का तेल: नारियल का तेल एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। यह मसूड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।
  • तिल का तेल: तिल का तेल भी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। यह मसूड़ों की बीमारी को रोकने में मदद करता है।
  • हल्दी: हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह मसूड़ों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
मसूड़ों की मालिश एक सरल और प्रभावी तरीका है जिससे मसूड़ों की समस्याओं को कम किया जा सकता है। मसूड़ों की मालिश के साथ ही अन्य स्वस्थ आदतों का पालन करने से मसूड़ों को स्वस्थ और मजबूत रखा जा सकता है।
 

हल्दी का मंजन करें

हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो पायरिया के इलाज में मदद कर सकते हैं। हल्दी मसूड़ों की सूजन और दर्द को कम करने, प्लाक और टैटार को हटाने, और मसूड़ों को मजबूत बनाने में मदद करती है।

मंजन के रूप में: हल्दी को मंजन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए, एक चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने दांतों पर लगाकर कुछ मिनट तक ब्रश करें। फिर गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
मसूड़ों की मालिश के लिए: मसूड़ों की मालिश के लिए, एक चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने उंगलियों से मसूड़ों पर लगाकर कुछ मिनट तक मालिश करें। फिर गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
गरारे के लिए: हल्दी के गरारे से भी पायरिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। एक चम्मच हल्दी पाउडर को एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में दो बार गरारे करें।
 

पायरिया को दूर करने के अन्य घरेलू उपाय

दांतों की स्वस्थता के लिए नियमित रूप से सफाई करना आवश्यक है। इसके अलावा, कुछ घरेलू उपायों से भी दांतों को स्वस्थ और मजबूत रखा जा सकता है।

दांतों की नियमित सफाई

दांतों की सफाई के लिए दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए। ब्रश करते समय दांतों की सभी सतहों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। साथ ही, दिन में दो बार फ्लॉस करना चाहिए। इससे दांतों के बीच फंसे हुए भोजन के कण निकल जाते हैं।

दातुन का प्रयोग

दातुन दांतों की सफाई के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। नीम या बबूल की दातून का प्रयोग करना चाहिए। दातून करते समय दांतों को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर रगड़ना चाहिए।

नमक का पानी से कुल्ला

नमक के पानी से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन कम होती है और दांतों की सफाई होती है। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर कुल्ला करें।

नीम का तेल

नीम का तेल मसूड़ों के लिए फायदेमंद होता है। नीम के तेल को मसूड़ों पर लगाकर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें। फिर, पानी से कुल्ला कर लें।

त्रिफला चूर्ण

त्रिफला चूर्ण दांतों के लिए एक आयुर्वेदिक औषधि है। त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर पीने से दांतों की सफाई होती है और मसूड़ों की मजबूती बढ़ती है।

जामुन की छाल

जामुन की छाल का काढ़ा दांतों के लिए फायदेमंद होता है। जामुन की छाल के काढ़े से कुल्ला करने से दांतों की सड़न से बचाव होता है।

फिटकरी

फिटकरी एक एंटीसेप्टिक है। फिटकरी का मंजन करने से दांतों की सड़न से बचाव होता है और मसूड़ों की सूजन कम होती है।

पालक, गाजर और गेहूं के जवारे का रस

पालक, गाजर और गेहूं के जवारे का रस दांतों के लिए फायदेमंद होता है। इनका रस पीने से दांत मजबूत होते हैं और मसूड़ों की सूजन कम होती है।

जटामांसी का मंजन

जटामांसी का मंजन दांतों के लिए एक आयुर्वेदिक औषधि है। जटामांसी के मंजन से दांतों की सड़न से बचाव होता है और मसूड़ों की मजबूती बढ़ती है।

हल्का सुपाच्य भोजन

अजीर्ण और कब्ज से बचने के लिए हल्का सुपाच्य भोजन करना चाहिए। रात को सोते समय हर्रे खाकर गरम दूध पीना चाहिए।

आंवले का चूर्ण

सुबह 2 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण पानी के साथ लेने से दांतों की मजबूती बढ़ती है।

मिर्च-मसाला और चाय-कॉफी का सेवन न करें

मिर्च-मसाला और चाय-कॉफी का सेवन दांतों के लिए हानिकारक होता है। इनके सेवन से दांतों की सड़न का खतरा बढ़ जाता है।
इन घरेलू उपायों को अपनाकर आप अपने दांतों को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं।

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