नवजात शिशु को कैसे पकड़े और उठाये How to pick up a baby Hindi
शिशु को गोद में लेने का उचित तरीका घर में छोटे मेहमान का आना सभी के लिए ख़ुशी का सबब होता है। छोटा बच्चा कुदरती रूप से किसी फूल की तरह से होता है जिसे हर कोई छूना चाहता है और अपनी गोदी में लेना चाहता है। माँ को इस विषय में बड़ी सावधानी रखने की आवश्यकता होती है। उसे दूध पिलाने, डायपर बदलने एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहलाने के लिए शिशु को अपने हाथों में थामना होता है। नवजात शिशु को गोद में उठाना एक मुश्किल काम हो सकता है। बच्चे को उठाते समय ध्यान रखने की कुछ बातें हैं, जिनसे उसे चोट लगने से बचाया जा सकता है।शिशु का शरीर अत्यंत ही नाजुक होता है इसलिए विशेष सावधानी के साथ शिशु को थामना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार शिशु को कैसे हाथों में थामे और उठाये (How To Hold Baby), आइये जानते हैं।शिशु को जब भी आप स्तनपान करवाएं, डायपर बदले या उठायें तो सबसे पहले अपने हाथ अच्छे से साफ़ कर लें। आपकी अस्वछता से शिशु को संक्रामक रोग लग सकते हैं। आपके अलावा यदि कोई रिश्तेदार शिशु को उठाना चाहे तो उसे पहले हाथ धोने के लिए कहें, क्यों की शिशु के शरीर में अभी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास पूर्णतया नहीं हुआ होता है।
नवजात शिशु को कैसे पकड़े और उठाये How to pick up a baby, How to Hold a Newborn Baby
शिशु को गोद में लेने का उचित तरीका शिशु को उठाने के लिए जल्दबाजी कभी न करें। शिशु का शरीर नाजुक होता है या कुदरती रूप से मजबूत इस विषय को नजरअंदाज करते हुए आप अपनी पूर्ण सावधानी का उपयोग करें। मानसिक रूप से तैयार हो जाए और हड़बड़ी ना करें। शिशु कभी एक ही अवस्था में नहीं रहता है इसलिए उसके हिलने डुलने की स्थिति पहले से ही तैयार रहें।
शिशु को दूध पिलाने या फिर नहलाने के लिए हाथों में थामने के लिए सिर्फ उसकी पीठ पकड़ना उचित नहीं होता है। शिशु जब तक गर्दन स्वंय सँभालने के लायक न हो जाय तब तक एक हाथ से उसकी पीठ के निचले भाग और दूसरे हाथ को आधा गर्दन, सर और आधा गर्दन के निचले हिस्से, कन्धों पर लगाकर उठाना चाहिए इससे उसकी गर्दन को सहारा प्राप्त होता है।
शिशु को गोद में लेने का उचित तरीका शिशु को हाथों में थामते वक़्त सहज रहे। आपकी असहजता से हड़भड़ाहट में आप शिशु को झटका दे सकते हैं जो शिशु के नाजुक शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आपके धातु का कोई कड़ा या चुभने वाली कोई भी अंगूठी आदि पहन रखी हैं तो उसे उतार देना शिशु को हाथों में थामने के लिए उचित रहता है। धीरे धीरे आप शिशु को थामने में माहिर हो जायेंगे।
शिशु को धीरे धीरे हाथों में थामकर छाती के नजदीक लाएं। छाती से लगाकर उसे थामे और उसका मुंह एक तरफ कर दे ताकि उसे सांस लेने में कोई दिक्क्त ना हो। शिशु का नाक दबना नहीं चाहिए क्योंकि वह स्वंय अपनी गर्दन दूसरी तरफ नहीं ले जा सकता है। शिशु की गर्दन की मांशपेशियों पर अभी उसका नियंत्रण नहीं होता है।
क्रेडल होल्ड : यह विधि नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम होती है। इस विधि के लिए आप शिशु को बताये गए तरीके से हाथों में थामे और उसे सीधा रखते हुए छाती पर लगा ले। एक हाथ से शिशु के निचे कुर्सी की तरह और दूसरे हाथ से उसकी गर्दन और कन्धों को सहारा देकर अपने सीने से चिपका कर रखे।
शिशु को दूध पिलाने या फिर नहलाने के लिए हाथों में थामने के लिए सिर्फ उसकी पीठ पकड़ना उचित नहीं होता है। शिशु जब तक गर्दन स्वंय सँभालने के लायक न हो जाय तब तक एक हाथ से उसकी पीठ के निचले भाग और दूसरे हाथ को आधा गर्दन, सर और आधा गर्दन के निचले हिस्से, कन्धों पर लगाकर उठाना चाहिए इससे उसकी गर्दन को सहारा प्राप्त होता है।
शिशु को गोद में लेने का उचित तरीका शिशु को हाथों में थामते वक़्त सहज रहे। आपकी असहजता से हड़भड़ाहट में आप शिशु को झटका दे सकते हैं जो शिशु के नाजुक शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आपके धातु का कोई कड़ा या चुभने वाली कोई भी अंगूठी आदि पहन रखी हैं तो उसे उतार देना शिशु को हाथों में थामने के लिए उचित रहता है। धीरे धीरे आप शिशु को थामने में माहिर हो जायेंगे।
शिशु को धीरे धीरे हाथों में थामकर छाती के नजदीक लाएं। छाती से लगाकर उसे थामे और उसका मुंह एक तरफ कर दे ताकि उसे सांस लेने में कोई दिक्क्त ना हो। शिशु का नाक दबना नहीं चाहिए क्योंकि वह स्वंय अपनी गर्दन दूसरी तरफ नहीं ले जा सकता है। शिशु की गर्दन की मांशपेशियों पर अभी उसका नियंत्रण नहीं होता है।
क्रेडल होल्ड : यह विधि नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम होती है। इस विधि के लिए आप शिशु को बताये गए तरीके से हाथों में थामे और उसे सीधा रखते हुए छाती पर लगा ले। एक हाथ से शिशु के निचे कुर्सी की तरह और दूसरे हाथ से उसकी गर्दन और कन्धों को सहारा देकर अपने सीने से चिपका कर रखे।
गोद में सुलाना : शिशु को अपने गोद में लिटाकर कर रखना भी उचित विधि है। मूल बात है की आप शिशु को किसी भी मुद्रा में रखें लेकिन ध्यान रखें की उसके सर, कंधे और पीठ पर एक समान सहारा मिल सके।
शिशु को हाथों में थामने, नहलाने और दूध पिलाने में ध्यान रखें। शिशु की गर्दन पर सदा सहारा दें अन्यथा शिशु की गर्दन और सर को स्थायी हानि हो सकती है।
बच्चे को गोद में उठाने के 3 तरीके
नवजात शिशु को गोद में उठाना एक मुश्किल काम हो सकता है। बच्चे को उठाते समय ध्यान रखने की कुछ बातें हैं, जिनसे उसे चोट लगने से बचाया जा सकता है।क्रैडल होल्ड
क्रैडल होल्ड सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। इस तरीके में, आप बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से सहारा देते हैं, और दूसरे हाथ से बच्चे के हिप को सहारा देते हैं। फिर, आप बच्चे को अपनी छाती के करीब लाते हैं। क्रैडल होल्ड नवजात शिशु को गोद में उठाने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। इस तरीके में, आप बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से सहारा देते हैं, और दूसरे हाथ से बच्चे के हिप को सहारा देते हैं। फिर, आप बच्चे को अपनी छाती के करीब लाते हैं।क्रैडल होल्ड करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- बच्चे को एक तरफ कर दें ताकि वह आपके चेहरे के सामने हो।
- एक हाथ से बच्चे के सिर और गर्दन को सहारा दें।
- दूसरे हाथ से बच्चे के हिप को सहारा दें।
- बच्चे को अपनी गोद में धीरे से उठाएं।
- बच्चे को अपनी छाती के करीब लाएं।
क्रैडल होल्ड करते समय ध्यान रखने वाली बातें:
- बच्चे को अचानक न उठाएं।
- बच्चे को अपनी गोद में कसकर पकड़ें।
- बच्चे के सिर को सहारा दें।
- बच्चे के पैरों को अपनी गोद में रखें।
क्रैडल होल्ड के फायदे:
यह तरीका सबसे सुरक्षित है क्योंकि यह बच्चे के सिर और गर्दन को अच्छी तरह से सहारा देता है।
यह तरीका बच्चे को आरामदायक महसूस कराता है।
यह तरीका बच्चे को दूध पिलाने के लिए भी सुविधाजनक है।
क्रैडल होल्ड करने का अभ्यास करने के लिए, आप अपने बच्चे के साथ खेलते समय इसका उपयोग कर सकते हैं। आप बच्चे को क्रैडल होल्ड में उठाकर उसे गोद में घुमा सकते हैं, उसे गाना गा सकते हैं, या उसके साथ बात कर सकते हैं।
शोल्डर होल्ड
शोल्डर होल्ड बच्चे को सुलाने के लिए अच्छा तरीका है। इस तरीके में, आप बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से सहारा देते हैं, और दूसरे हाथ से बच्चे के हिप को सहारा देते हैं। फिर, आप बच्चे को अपने कंधे पर रखते हैं। शोल्डर होल्ड से बच्चे को सुलाने के लिए निम्नलिखित चरण दिए गए हैं:- एक आरामदायक कुर्सी या सोफे पर बैठ जाएं।
- अपने बच्चे को अपने सामने सीधा रखें।
- अपने बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से सहारा दें।
- अपने बच्चे के हिप को दूसरे हाथ से सहारा दें।
- अपने बच्चे को अपने कंधे पर रखें, ताकि उसका सिर आपकी गर्दन के नीचे और उसका पेट आपकी छाती पर हो।
- अपने बच्चे को धीरे से हिलाएं या उसे एक गाना सुनाएं।
- जब आपका बच्चा सो जाए, तो उसे धीरे से अपनी गोद में रख दें।
शोल्डर होल्ड से बच्चे को सुलाने के लाभ:
- यह एक आरामदायक और सुरक्षित तरीका है बच्चे को सुलाने का।
- यह बच्चे को प्यार और सुरक्षा की भावना देता है।
- यह बच्चे को शांत करने में मदद करता है।
शोल्डर होल्ड से बच्चे को सुलाने के दौरान सावधानियां:
- यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है, तो उसे अपने कंधे पर रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- अपने बच्चे को अपने कंधे पर बहुत देर तक न रखें।
- अपने बच्चे को अपने कंधे पर रखने से पहले अपने कंधे को गर्म करें।
शोल्डर होल्ड से बच्चे को सुलाने के कुछ अन्य तरीके:
- शिशु को अपनी बाहों में गोद में ले लें।
- शिशु को अपने सीने से चिपकाएं।
- शिशु को एक शांत और अंधेरे कमरे में सुलाएं।
- शिशु को एक गाना सुनाएं या उसे एक सफेद शोर मशीन चलाएं।
लैप होल्ड
लैप होल्ड बच्चे को कंफर्टेबल महसूस करवाने का एक अच्छा तरीका है। इस तरीके में, आप बच्चे को अपनी गोद में बैठाते हैं। बच्चे का सिर आपके घुटने पर होना चाहिए, और दोनों हाथों से आप बच्चे के सिर को सहारा देते हैं। बच्चे का पैर आपके कमर के पास होना चाहिए। लैप होल्ड बच्चे को कंफर्टेबल महसूस करवाने का एक अच्छा तरीका है। यह एक सुरक्षित और आरामदायक स्थिति है जो बच्चे को प्यार और सुरक्षा की भावना देती है। लैप होल्ड का उपयोग बच्चे को उठाने, खिलाने, बदलने, या बस उसे प्यार देने के लिए किया जा सकता है।लैप होल्ड करने के लिए निम्नलिखित चरण दिए गए हैं:
- एक आरामदायक कुर्सी या सोफे पर बैठ जाएं।
- अपने बच्चे को अपनी गोद में बैठाएं, ताकि उसका सिर आपके घुटने पर हो।
- दोनों हाथों से बच्चे के सिर को सहारा दें।
- बच्चे के पैर को अपने कमर के पास रखें।
लैप होल्ड से बच्चे को सुलाने के लिए, आप उसे धीरे से हिला सकते हैं, उसे एक गाना सुना सकते हैं, या उसे एक सफेद शोर मशीन चला सकते हैं।
लैप होल्ड से बच्चे को सुलाने के कुछ अन्य तरीके:
- शिशु को अपने सीने से चिपकाएं।
- शिशु को एक शांत और अंधेरे कमरे में सुलाएं।
- शिशु को एक गाना सुनाएं या उसे एक सफेद शोर मशीन चलाएं।
बच्चे को गोद में उठाते समय ध्यान रखने वाली बातें
बच्चे को अचानक न उठाएं।
- बच्चे को अपनी गोद में कसकर पकड़ें।
- बच्चे के सिर को सहारा दें।
- बच्चे के पैरों को अपनी गोद में रखें।
नवजात शिशु को गोद में उठाने के लिए कुछ टिप्स
- बच्चे को गोद में उठाने से पहले अपने हाथ और कंधे को आराम दें।
- बच्चे को गोद में उठाने के लिए अपने घुटनों को मोड़ें।
- बच्चे को गोद में उठाने के लिए अपनी पीठ सीधी रखें।
नवजात शिशु को सही तरीके से गोद में लेंने के लिए सुझाव
नवजात शिशु को गोद में लेने का सही तरीका जानना बहुत ही जरूरी है। शिशुओं की गर्दन और रीढ़ की हड्डी बहुत नाजुक होती है, इसलिए उन्हें सही तरीके से नहीं उठाने पर उन्हें चोट लग सकती है।नवजात शिशु को गोद में लेने के लिए कुछ सुझाव:
- अपने हाथ धोएं। शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, इसलिए उन्हें उठाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना जरूरी है।
- सहज स्थिति चुनें। शिशु को गोद में लेने के लिए आरामदायक स्थिति चुनें। इससे आपको और शिशु दोनों को सहज महसूस होगा।
- शिशु के सिर और गर्दन को सहारा दें। शिशुओं की गर्दन की मांसपेशियां कमजोर होती हैं, इसलिए उन्हें उठाते समय उनके सिर और गर्दन को सहारा देना जरूरी है।
- शिशु को अपने शरीर के करीब रखें। इससे शिशु को सुरक्षित महसूस होगा और उसे चोट लगने का खतरा भी कम होगा।
- क्रैडल होल्ड: यह सबसे आम पोजीशन है। इसमें शिशु को अपनी गोद में सीधा रखते हैं, जिससे उनके सिर और गर्दन को सहारा मिलता है।
- बॉडी होल्ड: इस पोजीशन में शिशु को अपनी छाती के खिलाफ रखते हैं, जिससे उन्हें सुरक्षा और आराम मिलता है।
- शोल्डर होल्ड: इस पोजीशन में शिशु को अपने कंधे पर रखते हैं, जिससे उन्हें डकार दिलाना आसान होता है।
- शिशु को अचानक न उठाएं।
- शिशु को अपनी गोद में न फेंकें।
- शिशु को उठाते समय उनके सिर और गर्दन को सहारा दें।
- शिशु को अपने शरीर के करीब रखें।
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