स्तनपान के दौरान क्या खाएं क्या नहीं What to eat while breastfeeding Diet Plan
स्तनपान के समय आपको सावधानी से ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिसका फायदा आपको आपके शिशु को अधिकतम मिल सके। सावधानी से भोजन का चयन करें जो सुपाच्य हो और पोषक भी हो। भोजन का चयन इस लिए भी जरुरी हो जाता है क्यों की इससे शिशु को भी दूध के रूप में लाभ प्राप्त होता है। ऐसा जरुरी नहीं है की आपको बहुत अधिक प्रयत्न करने होंगे आप छोटे बदलाव करके भी अपने आहार को और अधिक पोषक बना सकते हैं। परम्परागत सलाह के विपरीत वर्तमान समय में जो सलाह दी जाती है वो काफी भिन्न हो सकती है। आइये जानते हैं की स्तनपान के दोरान डाईट प्लान क्या हो जो माँ और शिशु का बेहतर पोषण कर सके।
अधिक दूध के निर्माण में सहयोगी भोजन : आप अपने भोजन में ऐसे आहार को शामिल करें जिनसे शिशु के लिए ज्यादा मात्र में दूध बन पाए, इनमे प्रमुखता से हैं बादाम, काजू, अखरोट, तिल और अलसी के बीज, खजूर, किषमिष, जीरा, मेथी के बीज, अजवाइन, सूखा अदरख, गोंद और गुड़। इनके सेवन से आपके शिशु को ज्यादा मात्र में दूध मिलेगा और दूध में पोषक तत्व भी ज्यादा होंगे।
स्टार्च : आपके भोजन में स्टार्च युक्त खाद्य सामग्री होनी चाहिए जिनसे आपको अतिरिक्त पोषण और फाइबर प्राप्त होंगे। स्टार्च युक्त भोजन जैसे चावल, ब्रेड, पूर्ण अनाज से बनी रोटी, आलू, जई (ओट्स), सूजी आदि। पास्ता, ब्रेड, पॉपकॉर्न अनाज, चावल, दलिया, जौ, ज्वार, बाजरा आदि भी स्टार्च से युक्त आहार होते हैं। स्टार्च से युक्त सब्जियों का भी भरपूर चयन करें जैसे मटर, मक्का, आलू, कसावा, तोरई आदि। स्टार्च जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो महत्वपूर्ण ऊर्जा पैदा करते हैं जब आपका शरीर उन्हें पाचन के दौरान ग्लूकोज में बदल देता है। इनसे आपको पूरा पोषण मिलेगा जो शिशु के लिए भी लाभदायक होता है। स्टार्च युक्त आहार लेने से आपको कब्ज जैसी समस्या भी नहीं होगी।
आयरन: दालें, अंकुरित दलहन, मेवे और हरी पत्तेदार सब्जियां आदि में प्रयाप्त मात्रा में आयरन मिलता है। इसके अलावा पत्तेदार हरी सब्जियों का भी खूब सेवन करें। ये आयरन की कमी भी पूरी करेंगे और सुपाच्य भी होती हैं।
कैल्शियम: बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दही, पनीर, अंडा ब्रोकली, सोया मिल्क, संतरा, अंजीर, आदि। कैल्शियम के सेवन से शिशु की हड्डियों का विकास अच्छे से हो पाता है।
विटामिन D : विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है इसलिए यदि आप नॉन वेज का इस्तेमाल करते हैं तो मछली, अंडे की जर्दी, सॉल्मन और टुना फिश आपके लिए लाभदायक हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से भी विटामिन D की कमी को दूर किया जा सकता है। यदि आपके शरीर में किसी कारण से पहले से ही विटामिन D की कमी हो तो डोक्टर की सलाह के उपरांत दवा का सेवन करें।
इनके अतिरिक्त आप मेथी के बीज, मेथी की सब्जी का भी उपयोग कर सकते हैं। मेथी में ओमेगा-3, बीटाकैरोटीन, बी विटामिन, आयरन और कैल्श्यिम आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। माँ को सौंफ का भी उपयोग करना चाहिए इससे भोजन सुपाच्य होता है और शिशु को भी गैस की शिकायत नहीं होती है। लहसुन का उपयोग भी लाभ दाई होता है। ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग करें। जीरा भी अपने आहार में शामिल करें। इससे भोजन पचने में सहायता मिलती है और गैस भी दूर होती है।
मान्यता के अनुसार गर्म तासीर की वस्तुएं दूध बढाती है। ज्यादा से ज्यादा तरल प्रदार्थों का सेवन करें। तीखे स्वाद वाली, मिर्च मसालेदार गरिष्ठ भोजन से परहेज किया जाना चाहिए। स्तनपान के दोरान माँ को सिगरेट और शराब से दूरी बना लेनी चाहिए। यह सही है की स्तनपान के लिए आपको अधिक पोषण की जरुरत होती है। आप अधिक नहीं खाएं, उतना ही खाएं जितना आपके शरीर पचा सके। बेहतर होगा आप ऐसे आहार का चयन करें जिनसे आपको पोषण मिल सके। यदि आपके शरीर में पहले से विटामिन्स की कमी चल रही हो तो डोक्टर की राय से फ़ूड स्प्प्लिमेंट्स ले सकते हैं। सारांश में काम की बात यही है की पोषक तत्वों से भरपूर वस्तुओं को अपने आहार में शामिल करें और ऐसा कुछ भी ना खाएं जो दूध के माध्यम से आपके शिशु को हानि पहुंचा सके।
स्टार्च : आपके भोजन में स्टार्च युक्त खाद्य सामग्री होनी चाहिए जिनसे आपको अतिरिक्त पोषण और फाइबर प्राप्त होंगे। स्टार्च युक्त भोजन जैसे चावल, ब्रेड, पूर्ण अनाज से बनी रोटी, आलू, जई (ओट्स), सूजी आदि। पास्ता, ब्रेड, पॉपकॉर्न अनाज, चावल, दलिया, जौ, ज्वार, बाजरा आदि भी स्टार्च से युक्त आहार होते हैं। स्टार्च से युक्त सब्जियों का भी भरपूर चयन करें जैसे मटर, मक्का, आलू, कसावा, तोरई आदि। स्टार्च जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो महत्वपूर्ण ऊर्जा पैदा करते हैं जब आपका शरीर उन्हें पाचन के दौरान ग्लूकोज में बदल देता है। इनसे आपको पूरा पोषण मिलेगा जो शिशु के लिए भी लाभदायक होता है। स्टार्च युक्त आहार लेने से आपको कब्ज जैसी समस्या भी नहीं होगी।
स्तनपान के दौरान क्या खाएं क्या नहीं What to eat while breastfeeding Diet Plan
प्रोटीन : शिशु और माँ के बेहतर पोषण के लिए प्रोटीन युक्त भोजन भी अपने आहार में शामिल करें यथा दाल-दलहन, अंडे, मछली और वसा रहित मांस आदि।
आयरन: दालें, अंकुरित दलहन, मेवे और हरी पत्तेदार सब्जियां आदि में प्रयाप्त मात्रा में आयरन मिलता है। इसके अलावा पत्तेदार हरी सब्जियों का भी खूब सेवन करें। ये आयरन की कमी भी पूरी करेंगे और सुपाच्य भी होती हैं।
कैल्शियम: बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दही, पनीर, अंडा ब्रोकली, सोया मिल्क, संतरा, अंजीर, आदि। कैल्शियम के सेवन से शिशु की हड्डियों का विकास अच्छे से हो पाता है।
विटामिन D : विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है इसलिए यदि आप नॉन वेज का इस्तेमाल करते हैं तो मछली, अंडे की जर्दी, सॉल्मन और टुना फिश आपके लिए लाभदायक हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से भी विटामिन D की कमी को दूर किया जा सकता है। यदि आपके शरीर में किसी कारण से पहले से ही विटामिन D की कमी हो तो डोक्टर की सलाह के उपरांत दवा का सेवन करें।
इनके अतिरिक्त आप मेथी के बीज, मेथी की सब्जी का भी उपयोग कर सकते हैं। मेथी में ओमेगा-3, बीटाकैरोटीन, बी विटामिन, आयरन और कैल्श्यिम आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। माँ को सौंफ का भी उपयोग करना चाहिए इससे भोजन सुपाच्य होता है और शिशु को भी गैस की शिकायत नहीं होती है। लहसुन का उपयोग भी लाभ दाई होता है। ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग करें। जीरा भी अपने आहार में शामिल करें। इससे भोजन पचने में सहायता मिलती है और गैस भी दूर होती है।
मान्यता के अनुसार गर्म तासीर की वस्तुएं दूध बढाती है। ज्यादा से ज्यादा तरल प्रदार्थों का सेवन करें। तीखे स्वाद वाली, मिर्च मसालेदार गरिष्ठ भोजन से परहेज किया जाना चाहिए। स्तनपान के दोरान माँ को सिगरेट और शराब से दूरी बना लेनी चाहिए। यह सही है की स्तनपान के लिए आपको अधिक पोषण की जरुरत होती है। आप अधिक नहीं खाएं, उतना ही खाएं जितना आपके शरीर पचा सके। बेहतर होगा आप ऐसे आहार का चयन करें जिनसे आपको पोषण मिल सके। यदि आपके शरीर में पहले से विटामिन्स की कमी चल रही हो तो डोक्टर की राय से फ़ूड स्प्प्लिमेंट्स ले सकते हैं। सारांश में काम की बात यही है की पोषक तत्वों से भरपूर वस्तुओं को अपने आहार में शामिल करें और ऐसा कुछ भी ना खाएं जो दूध के माध्यम से आपके शिशु को हानि पहुंचा सके।
स्तनपान के दौरान सबसे खराब खाद्य पदार्थ
स्तनपान एक मां और बच्चे के बीच एक विशेष बंधन है। स्तन का दूध शिशु के लिए सबसे अच्छा पोषण है और उसे संक्रमण से बचाने में मदद करता है। हालांकि, स्तनपान के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन मां के स्वास्थ्य और बच्चे के स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।स्तनपान के दौरान सबसे खराब खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
- कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ और पेय: कैफीन स्तन के दूध में पारित हो सकता है और शिशु में चिड़चिड़ापन और नींद की समस्याएं पैदा कर सकता है।
- शराब: शराब स्तन के दूध में पारित हो सकती है और शिशु के विकास को प्रभावित कर सकती है।
- अतिरिक्त मसालेदार खाद्य पदार्थ: मसालेदार खाद्य पदार्थ शिशु के पेट में परेशानी पैदा कर सकते हैं।
- दूध से एलर्जी वाले खाद्य पदार्थ: स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दूध से एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि यह एलर्जी प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है जो शिशु में भी दिखाई दे सकती है।
- वसा में घुलनशील विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ: वसा में घुलनशील विटामिन, जैसे कि विटामिन ए, डी, ई और के, स्तन के दूध में जमा हो सकते हैं। इन विटामिनों की अधिकता शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है।
- ब्रोकोली, फूलगोभी, और गोभी जैसे क्रूसिफर सब्जियां
- ओट्स, गेहूं, और बाजरा जैसे ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ
- सोयाबीन और टोफू जैसे सोया उत्पाद
- चॉकलेट और कोको
- अंडे
- समुद्री भोजन
यदि आप स्तनपान कराने वाली हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि आपको किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।
स्तनपान के दौरान स्वस्थ आहार
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एक स्वस्थ आहार खाने की सलाह दी जाती है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल हों। इस आहार में शामिल होना चाहिए:- फल और सब्जियां: फल और सब्जियां विटामिन, खनिजों और फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं।
- पूर्ण अनाज: पूर्ण अनाज कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं।
- स्वस्थ वसा: स्वस्थ वसा, जैसे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड, शिशु के विकास और मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- प्रोटीन: प्रोटीन मां और बच्चे दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
एक स्तनपान कराने वाली मां को निम्नलिखित चीजों से बचना चाहिए:
- गैसीय खाद्य पदार्थ: ब्रोकोली, गोभी, राजमा, छोले, काले चने, दाल, मूंगफली, आलू और मकई जैसे खाद्य पदार्थ शिशु में गैस और पेट दर्द पैदा कर सकते हैं।
- कैफीन से भरपूर खाद्य पदार्थ: चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक जैसे खाद्य पदार्थों में कैफीन होता है, जो शिशु में चिड़चिड़ापन और नींद की कमी का कारण बन सकता है।
- शराब: शराब स्तन के दूध में प्रवेश कर सकती है और शिशु के विकास को प्रभावित कर सकती है।
- वसा में घुलनशील विटामिन: विटामिन ए और डी जैसे वसा में घुलनशील विटामिन शिशु में विषाक्तता पैदा कर सकते हैं।
- पारा युक्त खाद्य पदार्थ: किंग मैकेरल, स्वोर्डफ़िश, शार्क और टाइल फ़िश जैसे खाद्य पदार्थों में पारा होता है, जो शिशु के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
- खट्टे फल: संतरे, नींबू और आंवला जैसे खट्टे फल शिशु में पेट दर्द और डायपर रैशेज का कारण बन सकते हैं।
- ट्रांस फैट से भरपूर भोजन: केक, पेस्ट्री, व्हीप्ड क्रीम, पिज्जा, बर्गर और मार्जरीन जैसे खाद्य पदार्थ शिशु के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
- कृत्रिम मिठास वाले खाद्य पदार्थ: कृत्रिम मिठास जैसे एस्पार्टेम, स्टीविया, सुक्रालोज़, सैकरीन और सोर्बिटोल के शिशु पर दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।
- स्वस्थ आहार लें: स्तनपान कराने वाली मां को अपने आहार में पर्याप्त कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन और खनिज लेने की आवश्यकता होती है।
- पर्याप्त तरल पदार्थ पिएं: स्तनपान कराने वाली मां को अपने दैनिक तरल पदार्थ के सेवन को 3 से 4 लीटर तक बढ़ाने की आवश्यकता होती है।
- पर्याप्त आराम करें: स्तनपान कराने वाली मां को पर्याप्त नींद और आराम की आवश्यकता होती है।
- तनाव से बचें: तनाव स्तन के दूध के पैदा होने को प्रभावित कर सकता है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |