मुझे दे दो नाथ सहारा भजन

मुझे दे दो नाथ सहारा भजन रेशमी शर्मा

मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा,
हार गया हूँ भटक-भटक कर,
कोई नहीं हमारा हमारा,
मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा।।

मांग नहीं है तुमसे कुछ भी,
बस चरणों में बिठा लो,
रोते-रोते आया हूँ दर पे,
मुझको जरा हँसा दो,
अगर पोंछना है मेरे आँसू,
कुछ न घटेगा तुम्हारा तुम्हारा,
मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा।।

माना मैं हूँ पतित-अधर्मी,
लाखों पाप किए हैं,
लेकिन तूने जाने कितने,
पापी माफ किए हैं,
फिर क्यों मेरी बारी दाता,
तूने पल्ला झाड़ा ओ झाड़ा,
मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा।।

अब तो मेरा हाथ पकड़ लो,
बात मेरी मत टालो,
हाथ से बात निकल न जाए,
जल्दी श्याम सँभालो,
बाद में मुझको दोष न देना,
हँसेगा जब जग सारा ओ सारा,
मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा।।

दीनहीन के हाल पे माधव,
गर तू मौन रहेगा,
सोच जरा हारे का सहारा,
तुझको कौन कहेगा,
कौन लगाएगा वरना इस नाम से,
फिर जयकारा जयकारा,
मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा।।

मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा,
हार गया हूँ भटक-भटक कर,
कोई नहीं हमारा हमारा,
मैं हारा मैं हारा,
मुझे दे दो नाथ सहारा।।



दे दो नाथ सहारा | De Do Nath Sahara | Reshmi Sharma Shyam Bhajan 2022

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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