कब्ज दूर करने के लिए पाचक चूर्ण घर पर कैसे बनाये Home Made Pachak Churna for Constipation, Acidity and Gas Problems
घरेलु चूर्ण से करें वात, कफ और पित्त को शांत/घरेलू पाचक चूर्ण- आज हम आपको ऐसे चूर्ण के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप बड़ी ही आसानी से घर पर बना सकते हैं और इसके सेवन से कब्ज, एसिडिटी, अपच, अजीर्णता और गैस जैसी समस्याओं को समाप्त कर सकते हैं। यह चूर्ण त्रिदोष नाशक होता है। इस चूर्ण को बनाने के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता होगीचूर्ण की सामग्री : इस चूर्ण को बनाने के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता होगी।
- छोटी पीपल – 10 ग्राम ,
- निशोथ (त्रिवृत )– 50 ग्राम
- देशी कच्ची खांड – 100 ग्राम
चूर्ण का सेवन कैसे करें
इस चूर्ण को आप खाना खाने से पहले गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच लें।
इस चूर्ण में आप जो सामग्री इस्तेमाल करते हैं, आइये उनका संक्षिप्त परिचय भी प्राप्त करते हैं।
निशोथ (त्रिवृत )
चरक संहिता में इसके बारे में विस्तार से वर्णन प्राप्त होता है। निशोथ यह पित्तज-ज्वर, पित्तज शोथ, उदररोग, हृद्रोग, कण्ठरोग, प्लीहारोग, पाण्डु, व्रण, ग्रहणी, वातरक्त, कृमि, उदावर्त तथा शोथ नाशक होती है, साथ ही मूत्रक भी होती है। यह ओषधि वात, कफ और पित्त का शमन करती हैं। इसके मूल, पत्र एवं त्वक् का उपयोग किया जाता है। इसका मुख्यतया उपयोग वात जनित रोगों की ओषधियों में किया जाता है।
छोटी पीपली
पीपली एक आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर जड़ी बूटी होती हैं। इसकी लता होती है जो भूमि पर फैलती है। इसकी जड़ और फल का औषधीय उपयोग किया जाता है। पीपली के वैसे तो कई लाभ हैं लेकिन हम ज्यादातर इसका उपयोग पाचन विकारों को दूर करने के लिए करते हैं। इसके सेवन से कब्ज, गैस और आफरा शांत होता है। पीपली के सेवन से आतों के रोगों में भी सुधार होता है। इसके अलावा सरदर्द, आखों के विकारों में भी पीपली के सेवन से लाभ मिलता है।
कब्ज क्या है
हमारे शरीर में जो सबसे महत्वपूर्ण भाग है, वो है हमारा पेट। हम जो भी खाते हैं उनका लाभ हमें तभी मिलता है जब पाचन तंत्र स्वस्थ हो। पाचन तंत्र के बिगड़ते ही तमाम तरह के विकार शरीर को घेर लेते हैं। वर्तमान समय की जीवन शैली भी पाचन को प्रभावित करती है। चाय, कॉफी का अधिक सेवन, हरी सब्जियों के स्थान पर फ़ास्ट फ़ूड, और उटपटांग खाते रहने से पाचन प्रभावित होता है। पहले तो हमें हमारे खान पान पर ध्यान देना है और आहार में उनको शामिल करना है जो शरीर के लिए लाभदायक हों। कब्ज को यदि परिभाषित किया जाय तो इसे आप यूँ समझिये की खाना खाने के बाद भारीपन रहना, खट्टी डकारे आना, सर में दर्द रहना और सुबह खुलकर पेट का साफ़ ना होना कब्ज है।
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- यदि आपको कई दिनों से कब्ज की समस्या हो चुकी है तो आप सामान्य कब्ज के लिए त्रिफला और पुराने कब्ज के लिए शुध्दि चूर्ण का प्रयोग करें।
- पानी पीने की आदत बनाये। दिन में सात से आठ गिलास पानी का सेवन करे। प्रयाप्त मात्रा में पानी के सेवन से मल आँतों में ठोस होकर जमा नहीं हो पाता है। पानी से सेवन से विषाक्त प्रदार्थ भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
- खाना खाने के कुछ देर बाद पपीते का सेवन लाभदायक होता है।
- अजवायन का सेवन भी पाचन के लिए लाभदायी होता है। अजवायन का चूर्ण बनाने के लिए १० ग्राम अजवायन, त्रिफला और सेंधानमक लेकर मिक्सी में अच्छे से पीस कर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को सूती कपडे से छान कर हवाबंद डिब्बे में रख दें। खाना खाने के बाद आधा चम्मच इस चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है।
- खाना खाने के बाद शहद की एक चम्मच से भी कब्ज दूर होता है।
- इसबगोल की भूंसी को गर्म पानी के साथ लेने से पुराना कब्ज दूर होता है।
- भोजन में हरी सब्जियों का सेवन बढ़ा देना चाहिए और खाने के बाद तुरंत सोना नहीं चाहिए।
- किशमिस को पानी में भिगोने के उपरांत नित्य सेवन से आतों में जमा मल दूर होता है।
- भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
- रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
- रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
- सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
- सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
- एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
- रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है। शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है। आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है। ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
- रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
- खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
- अमरूद और पपीता कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
- पालक का रस पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्जी का प्रयोग करना चाहिए।
- कब्ज की समस्या से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
- रात को सोते वक्त अरंडी के तेल को हल्के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
- मुनक्का भी कब्ज को दूर करता है। 6-7 मुनक्का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्ज समाप्त होती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्का के साथ खाइए, इससे कब्ज की शिकायत समाप्त होगी।
- खाने में फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए। फाइबर से पाचन सुगम होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
- कब्ज के दौरान सुबह खाली पेट पानी पीना लाभदायक होता है।
- रोज सुबह आंवले और एलोवेरा का ज्यूस पिए लाभ मिलेगा।
- खाना खाने के बाद यदि आप गर्म दूध पीते हैं तो एक गिलास गर्म दूध में गाय का शुद्ध देसी घी का एक चम्मच मिला कर लेने से कब्ज दूर होता है।
- शुद्ध देसी गाय के घी को नाभि में लगाकर सोएं।
- सुबह जल्दी उठने का नियम बनाये और सुबह की सैर पर जाएँ।
- खाने के बाद सौंफ के चूर्ण का उपयोग करें। सौंफ से खट्टी डकारें भी नहीं आती है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |