जगत झूठी देखि प्रीत लिरिक्स गुरुबाणी
जगत झूठी देखी प्रीत,
आपन ही सुख सेहो सब लागे के दरस मिलन,
जगत झूठी देखी प्रीत,
मेरो मेरो सबै केहि हित्त स्यो बांधियो चीत
अंत काय संगी नेह कोउ एह अचरज है रीत
जगत झूठी देखी प्रीत,
मन मूरख अजहुँ नेह समझत सिख ते हरियो नीत
नानक भवजल पारा परै जो गावे प्रभ के गीत
जगत झूठी देखी प्रीत,
आपन ही सुख सेहो सब लागे क्या डारा क्या मीत
जगत झूठी देखी प्रीत,
Jagat mein jhoothi dekhi preet
Apne Hee Sukh Seyo Sab Lage Kya Dara Kya Meet
Mero Mero Sabhae Kehet Hai Hitt Seyo Bandheo Cheet
Antkaal Sangi Neh Kou Eh Achraj Hai Reet
Jagat Mein Jhoothi Dekhi Preet
Mann Moorakh Ajhun Neh Samjhat Sikh Dae Haariyo Neet
Nanak Bhaujal Paar Parae Jo Gavae Prabh Ke Geet
Jagat Mein Jhoothi Dekhi Preet
Apne Hee Sukh Seyo Sab Lage Kya Dara Kya Meet
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Author - Saroj Jangir
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