सतगुरु नानक आजा संगत पई पुकारदी
सतगुरु नानक आजा सतगुरु नानक आजा,
सतगुरु नानक आजा .........
जेला विच जा के दुखियां दा तू दुःख निवारिया,
तू कर्म कमाया सब ते धूबेया नु तारेया,
तू आकड़ भनी दाता बाबर सरकार दी,
तेरे हथ विच चाभी ऐ साइयां सारे संसार दी,
सतगुरु नानक आजा सतगुरु नानक आजा,
सतगुरु नानक आजा ......... ओ पंजा ते ननकाना नजरा तो दूर ने,
तेरी दीद दी खातिर बाबा अखियाँ मजबूर ने,
यमले जट दी तुंभी तेनु वाजा मारदी,
तेरे हथ विच चाभी ऐ साइयां सारे संसार दी,
सतगुरु नानक आजा सतगुरु नानक आजा,
सतगुरु नानक आजा .........
सारा मानव-समाज शांति और मार्गदर्शन पाता है। “सतगुरु नानक आजा” केवल बुलावा नहीं, बल्कि एक आत्मिक पुकार है—भटकी हुई संगत की व्याकुल याचना। संसार जब मोह, अन्याय और पीड़ा में डूब जाता है, तब किसी सच्चे गुरुदेव की उपस्थिति ही उसे फिर से प्रकाश दिखाती है। “तेरे हथ विच चाभी ऐ संसार दी” यह कहकर वह उन्हें उस दिव्य शक्ति का स्वामी मानता है, जिसके हाथों में समस्त सृष्टि के सुख-दुख का नियंत्रण है। यह आस्था नानक के व्यक्तित्व की पहचान है—जो स्वयं भक्ति और मानवता के संगम हैं, और जिनकी करुणा का कोई छोर नहीं।
गुरु नानक देव जी को केवल एक ऐतिहासिक व्यक्ति या धर्म के संस्थापक के रूप में नहीं, बल्कि एक इश्वर एन सर्वकालिक मार्गदर्शक भी है। "सतगुरु नानक आजा" की पुकार वास्तव में हर युग में मानवता की उस गहरी आध्यात्मिक आवश्यकता को प्रकट करती है जब लोग मोह-माया और संघर्ष में उलझकर दिशाहीन हो जाते हैं। 'तेरे हथ विच चाभी ऐ संसार दी' कथन उनकी उस दिव्य सत्ता और शक्ति को स्वीकार करता है जिसे उन्होंने 'इक ओंकार' के रूप में पूजा, और जिसके माध्यम से वे मानते थे कि समस्त सृष्टि संचालित होती है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
