रब दी रजा दे विच राजी रहना सिख ले

रब दी रजा दे विच राजी रहना सीख ले

 
रब दी रजा दे विच राजी रहना सीख ले लिरिक्स Rab Di Raja Vich Raji Rahna Seekh Le Lyrics

रब दी रजा दे विच राजी रहना सीख ले,
हर वेले उस दा तू नाम लेना सीख ले,
रब दी रजा दे विच राजी रहना सीख ले,

उसने जो दित्ता ओहदा शुक्र मनाई जा,
शाम ते सवेरे गुण उस दा तू गाई जा,
तेरा भाना मीठा लागे केहना बंदे सीख ले,
रब दी रजा दे विच राजी रहना सीख ले,

हनेरिया तूफान वाला भावे रहे झुल्दा,
श्रदा न मन जेहड़ा कदी नहीं रुलदा,
नाम दे समन्दरा च वेहना बंदे सीख ले,
रब दी रजा दे विच राजी रहना सीख ले,

किरपा सतगुरु दी नहियो ओ जांदा,
की है तेरे मन च ओ सब कुछ जांदा,
वाहेगुरु बोल ओहदे चरनी तू टिक ले,
रब दी रजा दे विच राजी रहना सीख ले,



Rab Di Raza De Vich Raazi | Siddharth Mohan | Guruji | Bawa Gulzar
 
Singer : Siddharth Mohan 
Music & Composition : Bawa Gulzar
Lyrics: Rohit Jamba
Mix & Master : B Sanj 
Video : Bir Singh
 
हर पल प्रभु का नाम लेना और उनके दिए हुए हर सुख-दुख में उनका शुक्र मनाना चाहिए। चाहे जीवन में अंधेरे तूफान आएँ या कठिनाइयाँ झकझोरें, श्रद्धा से भरा मन कभी नहीं डगमगाता। भक्ति के समंदर में डूबकर और सतगुरु की कृपा को अपनाकर, इंसान को यह सीखना चाहिए कि वह वाहेगुरु का नाम जपे और उनके चरणों में टिका रहे। यह रचना सिखाती है कि जीवन में हर स्थिति में प्रभु की मर्जी को मीठा मानकर, उनके गुण गाते हुए और समर्पण के साथ जीने से ही सच्चा सुख मिलता है। 

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