राणा जी अब न रहूंगी तोर हठ की
राणा जी अब न रहूंगी तोर हठ की
साधु संग मोहे प्यारा लागे
लाज गई घूंघट की
हार सिंगार सभी ल्यो अपना
चूड़ी कर की पटकी
महल किला राणा मोहे न भाए
सारी रेसम पट की
राणा जी... हे राणा जी
जब न रहूंगी तोर हठ की
भई दीवानी मीरा डोले
केस लटा सब छिटकी
राणा जी... हे राणा जी
अब न रहूंगी तोर हठ की।
राणा जी अब न रहूंगी तोर हठ की
हे राणा! अब मैं तुम्हारे हठ के साथ नहीं रहूंगी।
साधु संग मोहे प्यारा लागे
साधुओं के संग मुझे प्रिय लगता है।
लाज गई घूंघट की
लाज और घूंघट की परंपरा समाप्त हो गई।
हार सिंगार सभी ल्यो अपना
सारे आभूषण और श्रृंगार अपने पास रखो।
चूड़ी कर की पटकी
चूड़ियाँ तोड़ दीं।
महल किला राणा मोहे न भाए
महल और किले राणा मुझे नहीं भाते।
सारी रेसम पट की
सारी रेशमी चादरें छोड़ दीं।
राणा जी... हे राणा जी
हे राणा! हे राणा!
जब न रहूंगी तोर हठ की
जब मैं तुम्हारे हठ के साथ नहीं रहूंगी।
भई दीवानी मीरा डोले
मीरा दीवानी हो गई, नाच रही है।
केस लटा सब छिटकी
केश बिखर गए।
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