अनूप जलोटा तन के तम्बूरे में दो सांसो
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम जय राधे श्याम श्याम
अब तो इस मन के मंदिर में
प्रभु का हुआ बसेरा
मगन हुआ मन मेरा
छूटा जनम जनम का फेरा
मन की मुरलिया में सुर का सिंगार बोले
जय सिया राम राम जय राधे श्याम श्याम
लगन लगी लीला धारी से
जगी रे जगमग ज्योति
राम नाम का हीरा पाया
श्याम नाम का मोती
प्यासी दो अंखियो में आंसुओ के धार बोले
जय सिया राम राम जय राधे श्याम श्याम
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम जय राधे श्याम श्याम
Anup Jalota - Tan Ke Tambure Mein (Bhajan Sandhya Vol-2) (Hindi)
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Author - Saroj Jangir
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