जाके सिर पर हाथ माहरे श्याम धनी को होवे है
बांको बाळ न बांको होवे है
कलयुग में बाबा का घर घर बजे धनका बड़ो बलकारी है
जो भाव से ध्यावे पल भर में आवे करे न देरी है
जा का जैसा भाव बाबो वैसो ही फल देवे है
बांको बाळ न बांको होवे है
एक बार जावोगे हर साल जावोगे बाबा के मेले में
आनंद ही आनंद अमृत की हो बर्षा बाबा के गेले में
लेकर एको नाम जो भी पैदल खाटू जावे है, वो बेठियो मौज उड़ावे से
बांको बाळ न बांको होवे है
दुनिया के मस्ती में मत भूल बाबा ने यु ही तेरे काम को
जियिया मनोवोगा ये मान जावेगो भूखो है थारे भाव को
श्याम को आशीर्वाद शुभम रूपम जाके होवे है
वो तान के खुटी सोवे से
बांको बाळ न बांको होवे है
जा के सिर पे हाथ म्हारे श्याम धनि के होवे है || By Shubham Rupam || Khatu Shyam Bhajan