सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
राजस्थानी भजन हिंदी
सांवरा ने ढुढन में गयी
खरज्यो घनी रो भेष
ढूंढत ढूंढत जुग भया
आया धोला केश
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
गऊ रा जाया कमावे दिन रात
बूढ़ा कर कर बेचा वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
इन्दर कोप कियो ब्रज ऊपर बरसो मूसलधार,
नख पर गिरवर धारो रे दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
हिरणाकुश प्रह्लाद ने बरज्यो बरज्यो बारम्बार
राम राम नहीं लेना दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
विष रा प्याला राणा भेजिया दीज्यो मीरा में जाय
विष अमृत कर डाल्यो दयालुदीननाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
गऊ रा जाया कमावे दिन रात
बूढ़ा कर कर बेचा वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
इन्दर कोप कियो ब्रज ऊपर बरसो मूसलधार,
नख पर गिरवर धारो रे दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
बाई मीरा री अर्जी विनती सुणज्यो सृजनहार
में चरना री दासी दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
सांवरा थारी माया को पायो कोई पार
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
भेद कोणी जानू वो दयालु दीनानाथ
साँवरा थारी माया रो पायो कोनी राजस्थानी भजन प्रकाश माली
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