शंकर मेरा प्यारा माँ री माँ मुझे मूरत ला दे

शंकर मेरा प्यारा माँ री माँ मुझे मूरत ला दे

 

शंकर मेरा प्यारा शंकर मेरा प्यारा
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे
मूरत ऐसी जिस के सर से निकले गंगा धरा

माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला
रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया
गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला

माँ री माँ वो मेरा स्वामी, मैं उस के पट की अनुगामी
वो मेरा है तारण हारा, उस से मेरा जग उजारा
है प्रभु मेरा अन्तर्यामी, सब का है वो रखवाला
 

यह एक हिंदी भक्ति गीत है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। गीत का पहला छंद कहता है कि गायक भगवान शिव से बहुत प्यार करता है। वह भगवान शिव की एक मूर्ति मांगता है जिसकी शीर्ष से गंगा नदी निकलती हो। गीत का दूसरा छंद कहता है कि भगवान शिव एक डमरू बजाने वाले देवता हैं। उनके शरीर पर मृग की खाल है। गायक का कहना है कि भगवान शिव ने उसे अपने सपने में आकर गले लगाया और कहा कि वे उसके रखवाले हैं।
यह भी देखें You May Also Like
Next Post Previous Post