भयो नगर में शोर री मोहन माखन चोर री लिरिक्स Bhayo Nagar Me Shor Ri Lyrics

 भयो नगर में शोर री मोहन माखन चोर री लिरिक्स हिंदी Bhayo Nagar Me Shor Ri Mohan Makhan Chor Ri Lyrics Hindi

 
भयो नगर में शोर री मोहन माखन चोर री लिरिक्स Bhayo Nagar Me Shor Ri Lyrics

भयो नगर में शोर री
मोहन माखन चोर री
माखन को तो, माखन खाए
देत मटकिया फोड़ री
भयो नगर में शोर री
मोहन माखन चोर री

में दही बेचन गयी वृन्दावन
मिलो बाग़ में कान्हा है
ग्वालन के संग दही खायो
समझाए नहीं मानो है
मिल गयो नन्द किशोर री
माखन को तो माखन खाए
देत मटकिया फोड़ री
भयो नगर में शोर री
मोहन माखन चोर री

हम गरीब ग्वालिन है मैया
येही काम हमारो है
दही बेचे बालक पाले
मुश्किल होए गुजारो है
हम गरीब ग्वालिन है मैया
येही काम हमारो है
दही बेचे बालक पाले
मुश्किल होए गुजारो है
बहुत करी झकझोर री
दाई अंगुलिय तोड़ री
माखन को तो माखन खाए
देत मटकिया फोड़ री
भयो नगर में शोर री
मोहन माखन चोर री
भयो नगर में शोर री
मोहन माखन चोर री
माखन को तो माखन खाए
देत मटकिया फोड़ री
भयो नगर में शोर री
मोहन माखन चोर री
श्री कृष्ण की नटखट बाल लीलाएं श्री कृष्ण जी के बाल रूप में सहज आकर्षण पैदा करती है। श्री कृष्ण बचपन से ही एक नटखट और चंचल स्वभाव के बालक थे।  कृष्ण की नटखट लीलाएं कई हैं, जैसे कि उनकी माखन चोरी, उनके गोपियों के साथ रासलीला, उनकी मुरली बजाना, उनकी माखन मिश्रण, और उनके भक्तों के साथ खेले गए खेल आदि।
कृष्ण की नटखट लीलाएं एक उदाहरण हैं कि भगवान के साथ खेलते समय भी हमें जीवन का आनंद लेना चाहिए। भगवान के साथ खेलते समय हम उनके प्रेम के साथ खेलते हैं और एक अनुभव करते हैं जो हमें दिव्य शांति और संतोष का अनुभव कराता है।


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