चढ़ चढ़ जाना लिरिक्स Chadh Chadh Jana Hogi Darwaje Nikas Lyrics

चढ़ चढ़ जाना लिरिक्स Chadh Chadh Jana Hogi Darwaje Nikas Lyrics

इस राजस्थानी लोक गीत में जब पाबूजी अपनी बारात के लिए चढ़ते हैं (बरात का रवाना होना ) तब का संवाद है। वस्तुतः यह लोक गीत पाबूजी के विवाह से सबंधित है। इस गीत में अमरकोट (शादी के लिए अमरकोट, वर्तमान में पंजाब में ) के लिए रवाना होते हुए पाबूजी को देवल नाम की चारनी (चारण समाज की महिला) देवल प्रश्न पूछती है की आप जा तो रहे हो लेकिन इस गाँव और किले की सुरक्षा अब किसके हवाले हैं। पाबूजी अपने अंदाज में उस महिला को समझाते हैं की चिंता की कोई बात नहीं वे स्वंय इस गाव की रक्षा करेंगे। इस लोक गीत को भंवरी देवी की बुलंद आवाज में सुनिए। 
 
चढ़ चढ़ जाना लिरिक्स Chadh Chadh Jana Hogi Darwaje Nikas Lyrics

चढ़ चढ़ जाना
हो गी दरवाजे ओ निकास
हो आड़ी तो बोले देवल चारनी रे

अरे देवल दुर्गा  घणो तेरो भुँडोडो स्वांग
हे सूणा (सूना) के सुणा आड़ी क्यों खड़ी  रे हा
सावरा रे सावरा रे
बादला रे बादला रे

अरे आज गढ़ आळा थे चढ़ चाले हो  थारी  जान (बारात)
आज गढ़ आळा थे चढ़ चाले हो  थारी  जान
ऐ  गढ़ का  रुखाला (निगरानी के लिए )  कुण (किसे) ने छोडस्यो (छोड़ोगे) रे हा

चढ़ चढ़ जाना  होगी दरवाजे ओर निकास
हो आड़ी तो बोले देवल चारनी रे

बून्द बून्द बरसे हिवड़े रे देश में
फूल फुलवारी  खिल जाये रेत में
ऐसो रंगीलो है  सावरिया
ऐसा अलबेला म्हारा सावरिया

आज साथीड़ा (दोस्त)  हँस हँस मीठो रे बोल
आज साथीड़ा हँस हँस मीठो रे बोल
कर ले भलाई रे थोड़ो जीवणो रे हां

चढ़ चढ़ जाना , हो गी दरवाजे ओ निकास
हो आड़ी तो बोले देवल चारनी रे

बून्द बून्द बरसे हिवड़े रे देश में
फूल फुलवारी  खिल जाये रेत में
ऐसो रंगीलो है  सावरिया
ऐसा अलबेला म्हारा सावरिया

सावरा रे सावरा रे
बादला रे बादला रे
म्हारा सावरा रे..........



Chadh Chadh Jana - Ram Sampath, Bhanvari Devi & Krishna Kumar Buddha Ram - Coke Studio@MTV Season 4
 
For millennia, Pabuji Rathore's tales were recounted through Phad's religious painting scroll by the Bhopa group of Rajsthan. These recitals are held throughout the evening. The incarnation of Laxman, Ram's brother, is thought to be Pabuji. Rajasthan communities praise him as the Protector of camels and other domesticated livestock. This poem forms portion of Pabuji's tale for the marriage. Deval barred his route and asked him on safety of the town and fort, when he had left his village with his Baraat to Amarkot (now in Pakistan) a woman from the society of Charan. Pabuji assures her that he will safeguard them and not care in his own manner.
चढ़ चढ़ जाना लिरिक्स Chadh Chadh Jana Hogi Darwaje Nikas Lyrics
Chadh Chadh Jaana
Ho Gee Daravaaje O Nikaas
Ho Aadee To Bole Deval Chaaranee Re

Are Deval Durga  Ghano Tero Bhundodo Svaang
He Soona (Soona) Ke Suna Aadee Kyon Khadee  Re Ha
Saavara Re Saavara Re
Baadala Re Baadala Re

Are Aaj Gadh Aala The Chadh Chaale Ho  Thaaree  Jaan (Baaraat)
Aaj Gadh Aala The Chadh Chaale Ho  Thaaree  Jaan
Ai  Gadh Ka  Rukhaala (Nigaraanee Ke Lie )  Kun (Kise) Ne Chhodasyo (Chhodoge) Re Ha

Chadh Chadh Jaana  Hogee Daravaaje Or Nikaas
Ho Aadee To Bole Deval Chaaranee Re

Boond Boond Barase Hivade Re Desh Mein
Phool Phulavaaree  Khil Jaaye Ret Mein
Aiso Rangeelo Hai  Saavariya
Aisa Alabela Mhaara Saavariya

Aaj Saatheeda (Dost)  Hans Hans Meetho Re Bol
Aaj Saatheeda Hans Hans Meetho Re Bol
Kar Le Bhalaee Re Thodo Jeevano Re Haan

Chadh Chadh Jaana , Ho Gee Daravaaje O Nikaas
Ho Aadee To Bole Deval Chaaranee Re

Boond Boond Barase Hivade Re Desh Mein
Phool Phulavaaree  Khil Jaaye Ret Mein
Aiso Rangeelo Hai  Saavariya
Aisa Alabela Mhaara Saavariya

Saavara Re Saavara Re
Baadala Re Baadala Re
Mhaara Saavara Re..........

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4 टिप्पणियां

  1. Amarkot is not in Punjab
    it is in Sindh Pakistan
    it is now called Umarkot
    Amber was born here
    Sodha Rajput rules here
    it was Pabuji's in law house.
    nice song.
  2. Read Akbar instead of amber
  3. Nice
  4. आप को कोटि-कोटि धन्यवाद उर्पयुक्त रचना,जानकारी पहुँचाने के लिए ।
    आपका कार्य पठनीय है, प्रशंषनीय है, अनुकरणीय है तथा प्रेषणीय है ।