चरखा (वे माहिया तेरे वेखन नू) Charkha (Ve Mahiya Tere Vekhan Nu) With Hindi Meaning Lyrics Popular Punjabi Folk Song Hindi Lyrics
वे माहिया तेरे वेखन नू
चुक चरखा गली दे विच पावा
वे लोक पाने मैं कातती
तंद तेरिया यादा दे पांवा
चरखे दी ऊ कर दे ओले,
याद तेरी दा तुम्बा बोले
वे निम्मा निम्मा गीत छेड के
तंग कत दी हुलारे पावा
वसन नि दे रहे सोरे पेके
मेनू तेरे पये पुलेखे
वे हुन मेनू दस माहिया
तेरे बाजू किदर में जावा
हो ईद आई मेरा यार नी आया
तेरा वे खैर होवे ओ तंद
हार सिंगार चंगे नइ लगदे
हो किसी चीज पे नजर ना जांदी
सुखा वालिया नीदरा मांगे
यार मिले तो मैं ईद मनावा
चुक चरखा गली दे विच पावा
वे लोक पाने मैं कातती
तंद तेरिया यादा दे पांवा
चरखे दी ऊ कर दे ओले,
याद तेरी दा तुम्बा बोले
वे निम्मा निम्मा गीत छेड के
तंग कत दी हुलारे पावा
वसन नि दे रहे सोरे पेके
मेनू तेरे पये पुलेखे
वे हुन मेनू दस माहिया
तेरे बाजू किदर में जावा
हो ईद आई मेरा यार नी आया
तेरा वे खैर होवे ओ तंद
हार सिंगार चंगे नइ लगदे
हो किसी चीज पे नजर ना जांदी
सुखा वालिया नीदरा मांगे
यार मिले तो मैं ईद मनावा
चरखा (वे माहिया तेरे वेखन नू हिंदी में अर्थ Ve Mahiya Tenu Vekhan Nu Hindi Meaning
वे माहिया तेरे वेखन नू
चुक चरखा गली दे विच पावा
( यहाँ पर नायक से उसकी प्रेमिका कहती है की उसने अपने प्रेमी को दिखने /दिखने के लिए चरखा गली में डाल लिया है )चुक चरखा गली दे विच पावा
वे लोक पाने मैं कातती
तंद तेरिया यादा दे पांवा
(तंद-धागा, पावा-डालना , लोग सोचते हैं की में सूत कात रही हूँ लेकिन में तो तुम्हारी यादों के धागों को ही उसमे डाल रही हूँ तंद तेरिया यादा दे पांवा
चरखे दी ऊ कर दे ओले,
याद तेरी दा तुम्बा बोले
(मैंने चरखा एक रखा है, छायाँ में और मेरे दिल में तुम्हारी यादो का संगीत बज रहा है )याद तेरी दा तुम्बा बोले
वे निम्मा निम्मा गीत छेड के
तंग कत दी हुलारे पावा
(मैं धीरे धीरे से तुम्हारी यादो के गीत गुनगुना रही हु और साथ ही बहुत ही नाजुक तरीके से यादों में खोई हूँ )तंग कत दी हुलारे पावा
वसन नि दे रहे सोरे पेके
मेनू तेरे पये पुलेखे
(लोग मुझे चैन और सुकून से रहने नहीं दे रहे हैं लेकिन मुझे तो तुम्हारा ही ख्याल आता है, ऐसा लगता है की तुम आ गए हो )मेनू तेरे पये पुलेखे
वे हुन मेनू दस माहिया
तेरे बाजू किदर में जावा
(मेरे प्रिय अब तुम ही कहो की में तुम्हारे सिवा कहाँ जाऊ )तेरे बाजू किदर में जावा
हो ईद आई मेरा यार नी आया
तेरा वे खैर होवे ओ तंद
(ईद आ गयी है मेरा प्रिय नहीं आया खुदा खैर बक्शे मेरे प्रिय को )तेरा वे खैर होवे ओ तंद
हार सिंगार चंगे नइ लगदे
हो किसी चीज पे नजर ना जांदी
(आभुषनो पर, सजने सवरने पर अब कोई रूचि नहीं है, मुझे कोई भी चीज अच्छी नहीं लगती है )हो किसी चीज पे नजर ना जांदी
सुखा वालिया नीदरा मांगे
यार मिले तो मैं ईद मनावा
(मैं अब वो रात चाहती हु जिसमे मुझु सकून मिले, मेरा यार मिले तो मेरी ईद हो। तभी मेरी ईद होगी। )चरखा (वे माहिया तेरे वेखन नू) लिरिक्स Charakha (Punjabi Folk) Lyrics यार मिले तो मैं ईद मनावा
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Ve Maahiya Tere Vekhan Noo
Chuk Charakha Galee De Vich Paava
Ve Lok Paane Main Kaatatee
Tand Teriya Yaada De Paanva
Charakhe Dee Oo Kar De Ole,
Yaad Teree Da Tumba Bole
Ve Nimma Nimma Geet Chhed Ke
Tang Kat Dee Hulaare Paava
Vasan Ni De Rahe Sore Peke
Menoo Tere Paye Pulekhe
Ve Hun Menoo Das Maahiya
Tere Baajoo Kidar Mein Jaava
Ho Eed Aaee Mera Yaar Nee Aaya
Tera Ve Khair Hove O Tand
Haar Singaar Change Nai Lagade
Ho Kisee Cheej Pe Najar Na Jaandee
Sukha Vaaliya Needara Maange
Yaar Mile To Main Eed Manaava
Chuk Charakha Galee De Vich Paava
Ve Lok Paane Main Kaatatee
Tand Teriya Yaada De Paanva
Charakhe Dee Oo Kar De Ole,
Yaad Teree Da Tumba Bole
Ve Nimma Nimma Geet Chhed Ke
Tang Kat Dee Hulaare Paava
Vasan Ni De Rahe Sore Peke
Menoo Tere Paye Pulekhe
Ve Hun Menoo Das Maahiya
Tere Baajoo Kidar Mein Jaava
Ho Eed Aaee Mera Yaar Nee Aaya
Tera Ve Khair Hove O Tand
Haar Singaar Change Nai Lagade
Ho Kisee Cheej Pe Najar Na Jaandee
Sukha Vaaliya Needara Maange
Yaar Mile To Main Eed Manaava
पंजाबी गीतों में चरखे का महत्त्व बहुत अधिक है। चरखा एक ऐसी वस्तु है जो पंजाबी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पंजाबी महिलाओं का प्रतीक है, जो पारंपरिक रूप से घर पर काम करती हैं और अपने परिवार के लिए कपड़े बनाती हैं। पंजाब में, चरखा का उपयोग सूत कातने के लिए किया जाता है। सूत का उपयोग कपड़े, दरी और अन्य वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है। चरखा एक सरल उपकरण है, लेकिन यह बहुत उपयोगी है।
पंजाबी गीतों में, चरखा अक्सर प्रेम और विरह की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, "चरखा (वे माहिया तेरे वेखन नू)" गीत में, एक प्रेमिका अपने प्रेमी की यादों में खोई हुई चरखा कात रही है। वह अपने प्रेमी को देखने के लिए चरखे को गली में रख देती है। पंजाब में, चरखा एक ऐसी वस्तु है जो महिलाओं की शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। चरखा का उपयोग करके, पंजाबी महिलाएं अपने परिवारों का समर्थन करती हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं। इन गीतों में, चरखा एक ऐसा उपकरण है जो पंजाबी महिलाओं की भावनाओं, आकांक्षाओं और उपलब्धियों को व्यक्त करता है।
पंजाबी गीतों में, चरखा अक्सर प्रेम और विरह की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, "चरखा (वे माहिया तेरे वेखन नू)" गीत में, एक प्रेमिका अपने प्रेमी की यादों में खोई हुई चरखा कात रही है। वह अपने प्रेमी को देखने के लिए चरखे को गली में रख देती है। पंजाब में, चरखा एक ऐसी वस्तु है जो महिलाओं की शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। चरखा का उपयोग करके, पंजाबी महिलाएं अपने परिवारों का समर्थन करती हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं। इन गीतों में, चरखा एक ऐसा उपकरण है जो पंजाबी महिलाओं की भावनाओं, आकांक्षाओं और उपलब्धियों को व्यक्त करता है।
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वे माहिया तेरे वेखन नू चुक चरखा गली दे विच पावा
"मेरे प्रिय, मैं तुम्हें देखने के लिए चरखा गली में डाल दिया है।"
वे लोक पाने मैं कातती तंद तेरिया यादा दे पावा
"लोग सोचते हैं कि मैं सूत कात रही हूँ, लेकिन मैं तो तुम्हारी यादों के धागे कात रही हूँ।"
चरखे दी ऊ कर दे ओले, याद तेरी दा तुम्बा बोले
"मैंने चरखा छाया में रख दिया है, और मेरे दिल में तुम्हारी यादों का संगीत बज रहा है।"
वे निम्मा निम्मा गीत छेड के तंग कत दी हुलारे पावा
"मैं तुम्हारी यादों के गीतों को धीरे-धीरे गुनगुना रही हूँ और तुम्हारी यादों में खोई हुई हूँ।"
वसन नि दे रहे सोरे पेके मेनू तेरे पये पुलेखे
"लोग मुझे चैन से रहने नहीं दे रहे हैं, लेकिन मुझे तो तुम्हारा ही ख्याल आ रहा है।"
वे हुन मेनू दस माहिया तेरे बाजू किदर में जावा
"मेरे प्रिय, अब तुम ही बताओ कि मैं तुम्हारे सिवा कहाँ जाऊँ?"
हो ईद आई मेरा यार नी आया तेरा वे खैर होवे ओ तंद
"ईद आ गई है, लेकिन मेरा प्रिय नहीं आया। भगवान करे कि उसे अच्छा रहे।"
हार सिंगार चंगे नइ लगदे हो किसी चीज पे नजर ना जांदी
"आभूषणों और सजने-संवरने में अब कोई रुचि नहीं है। मुझे कोई भी चीज अच्छी नहीं लगती।"
सुखा वालिया नीदरा मांगे यार मिले तो मैं ईद मनावा
"मैं अब बस एक शांतिपूर्ण रात चाहती हूँ। अगर मेरा प्रिय मिल जाए तो मैं ईद मनाऊँगी।"
यह गीत एक प्रेमिका की विरह की कहानी कहती है। वह अपने प्रेमी के लिए बहुत तरस रही है और उसे देखने के लिए बेताब है। वह अपने जीवन के सभी आनंद खो चुकी है, क्योंकि उसका ध्यान सिर्फ अपने प्रेमी पर केंद्रित है।
गीत की शुरुआत में, प्रेमिका अपने प्रेमी को देखने के लिए चरखा गली में डाल देती है। वह सोचती है कि इससे उसे अपने प्रेमी की एक झलक दिख जाएगी। लेकिन लोग तो उसे सिर्फ सूत कातती हुई समझते हैं।
प्रेमिका अपने प्रेमी की यादों में खोई हुई है। वह चरखे की छाया में बैठकर उसकी यादों का संगीत सुनती है। वह अपनी यादों में खोई हुई गुनगुनाती रहती है।
लोग उसे चैन से रहने नहीं दे रहे हैं, लेकिन उसे तो अपने प्रेमी का ही ख्याल आ रहा है। वह अपने प्रेमी के बिना अपना जीवन कैसे जीएगी?
ईद आ गई है, लेकिन उसका प्रेमी नहीं आया। वह दुखी है, लेकिन उसे अपने प्रेमी की सलामती की दुआ कर रही है।
आभूषण और सजने-संवरने में अब उसे कोई रुचि नहीं है। वह बस एक शांतिपूर्ण रात चाहती है, जब उसका प्रेमी उसके पास हो।
"मेरे प्रिय, मैं तुम्हें देखने के लिए चरखा गली में डाल दिया है।"
वे लोक पाने मैं कातती तंद तेरिया यादा दे पावा
"लोग सोचते हैं कि मैं सूत कात रही हूँ, लेकिन मैं तो तुम्हारी यादों के धागे कात रही हूँ।"
चरखे दी ऊ कर दे ओले, याद तेरी दा तुम्बा बोले
"मैंने चरखा छाया में रख दिया है, और मेरे दिल में तुम्हारी यादों का संगीत बज रहा है।"
वे निम्मा निम्मा गीत छेड के तंग कत दी हुलारे पावा
"मैं तुम्हारी यादों के गीतों को धीरे-धीरे गुनगुना रही हूँ और तुम्हारी यादों में खोई हुई हूँ।"
वसन नि दे रहे सोरे पेके मेनू तेरे पये पुलेखे
"लोग मुझे चैन से रहने नहीं दे रहे हैं, लेकिन मुझे तो तुम्हारा ही ख्याल आ रहा है।"
वे हुन मेनू दस माहिया तेरे बाजू किदर में जावा
"मेरे प्रिय, अब तुम ही बताओ कि मैं तुम्हारे सिवा कहाँ जाऊँ?"
हो ईद आई मेरा यार नी आया तेरा वे खैर होवे ओ तंद
"ईद आ गई है, लेकिन मेरा प्रिय नहीं आया। भगवान करे कि उसे अच्छा रहे।"
हार सिंगार चंगे नइ लगदे हो किसी चीज पे नजर ना जांदी
"आभूषणों और सजने-संवरने में अब कोई रुचि नहीं है। मुझे कोई भी चीज अच्छी नहीं लगती।"
सुखा वालिया नीदरा मांगे यार मिले तो मैं ईद मनावा
"मैं अब बस एक शांतिपूर्ण रात चाहती हूँ। अगर मेरा प्रिय मिल जाए तो मैं ईद मनाऊँगी।"
यह गीत एक प्रेमिका की विरह की कहानी कहती है। वह अपने प्रेमी के लिए बहुत तरस रही है और उसे देखने के लिए बेताब है। वह अपने जीवन के सभी आनंद खो चुकी है, क्योंकि उसका ध्यान सिर्फ अपने प्रेमी पर केंद्रित है।
गीत की शुरुआत में, प्रेमिका अपने प्रेमी को देखने के लिए चरखा गली में डाल देती है। वह सोचती है कि इससे उसे अपने प्रेमी की एक झलक दिख जाएगी। लेकिन लोग तो उसे सिर्फ सूत कातती हुई समझते हैं।
प्रेमिका अपने प्रेमी की यादों में खोई हुई है। वह चरखे की छाया में बैठकर उसकी यादों का संगीत सुनती है। वह अपनी यादों में खोई हुई गुनगुनाती रहती है।
लोग उसे चैन से रहने नहीं दे रहे हैं, लेकिन उसे तो अपने प्रेमी का ही ख्याल आ रहा है। वह अपने प्रेमी के बिना अपना जीवन कैसे जीएगी?
ईद आ गई है, लेकिन उसका प्रेमी नहीं आया। वह दुखी है, लेकिन उसे अपने प्रेमी की सलामती की दुआ कर रही है।
आभूषण और सजने-संवरने में अब उसे कोई रुचि नहीं है। वह बस एक शांतिपूर्ण रात चाहती है, जब उसका प्रेमी उसके पास हो।