मेंहदी रची थारे हाथा में उड़ रह्यो भजन
मेंहदी रची थारे हाथा में उड़ रह्यो काजल आंख्या में
मेंहदी रची थारे हाथा में,
उड़ रह्यो काजल आंख्या में,
चुनड़ी रो रंग सुरंग म्हारी अंबे मां।
अरे चांद उग्यो ओ राता में,
फूल उग्यो रणबागा में,
अरे चांद उग्यो ओ राता में,
फूल उग्यो रणबागा में,
थारो ऐसो सुहाणो रूप म्हारी दुर्गा मां।
मेंहदी रची थारे हाथा में... औहौ।
अरे रूप सुहाणो जद सूं देख्यौ,
नींद न आई आंख्या ने,
भूल गई सब कामा ने... औहौ,
याद करूं थारे नामा ने,
माया रो छूटो संग म्हारी अंबे मां।
मेंहदी रची थारे हाथा में... औहौ।
विछड़ी नगरी माता, आप विराजौ,
कारज सारो मां, कारज सारो,
औ थारा दर्शन करबा,
औ थारा दर्शन करबा,
आवे या दुनिया सारी औ मां...
जय हो थारी मैया, जय हो थारी मैया,
जय हो थारी मैया, जय हो थारी मैया।
थे कहो तो माता, मैं तो नथणी बन जाऊं,
नथणी बन जाऊं, थारा मुखड़ा पे रम जाऊं,
बोर गूंथूं थारे माथा पे,
चूड़लो मंगाऊं थारे हाथा में,
बण जाऊं बाजूबंद, म्हारी अंबे मां।
थे कहो तो माता, मैं तो पायळी बन जाऊं,
पायळी बन जाऊं, थारा चरणा में रम जाऊं,
फूल बिछाऊं थारा पावा में,
नित-नित दर्शन आवा में,
नैणा में कर लूं बंद, म्हारी अंबे मां।
मेंहदी रची थारे हाथा में,
उड़ रह्यो काजल आंख्या में,
चुनड़ी रो रंग सुरंग, म्हारी अंबे मां।
उड़ रह्यो काजल आंख्या में,
चुनड़ी रो रंग सुरंग म्हारी अंबे मां।
अरे चांद उग्यो ओ राता में,
फूल उग्यो रणबागा में,
अरे चांद उग्यो ओ राता में,
फूल उग्यो रणबागा में,
थारो ऐसो सुहाणो रूप म्हारी दुर्गा मां।
मेंहदी रची थारे हाथा में... औहौ।
अरे रूप सुहाणो जद सूं देख्यौ,
नींद न आई आंख्या ने,
भूल गई सब कामा ने... औहौ,
याद करूं थारे नामा ने,
माया रो छूटो संग म्हारी अंबे मां।
मेंहदी रची थारे हाथा में... औहौ।
विछड़ी नगरी माता, आप विराजौ,
कारज सारो मां, कारज सारो,
औ थारा दर्शन करबा,
औ थारा दर्शन करबा,
आवे या दुनिया सारी औ मां...
जय हो थारी मैया, जय हो थारी मैया,
जय हो थारी मैया, जय हो थारी मैया।
थे कहो तो माता, मैं तो नथणी बन जाऊं,
नथणी बन जाऊं, थारा मुखड़ा पे रम जाऊं,
बोर गूंथूं थारे माथा पे,
चूड़लो मंगाऊं थारे हाथा में,
बण जाऊं बाजूबंद, म्हारी अंबे मां।
थे कहो तो माता, मैं तो पायळी बन जाऊं,
पायळी बन जाऊं, थारा चरणा में रम जाऊं,
फूल बिछाऊं थारा पावा में,
नित-नित दर्शन आवा में,
नैणा में कर लूं बंद, म्हारी अंबे मां।
मेंहदी रची थारे हाथा में,
उड़ रह्यो काजल आंख्या में,
चुनड़ी रो रंग सुरंग, म्हारी अंबे मां।
LIVE HD VIDEO | Mehndi Rachi Thare Hatho Mein | PRAKASH MALI Bhajan | Aamaj Mata | Rajasthani Song
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Author - Saroj Jangir
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