हंसला पाल ना छोडिये जे जल खारा होय
हंसला पाल ना छोडिये जे जल खारा होय
चीलर चीलर भटकता ताने भलो नहीं कैसी होय
पाल पुराणी जल नुवो तो हंसलो बैठो आय
प्रीत पुरानी रे कारने तो चुग चुग कंकर खाय
आज तो हजारी हंसो पावनो
म्हारे आज तो काया रो राजा पावनो
हेली कुन तो देसा सु हंसा आविया
हेल कुन तो देशा ने जाय
नाभ नगर सु हंसो आविया हेली
तिरवेनी नगर में जाय साथन सुन
गगन मंडल बाजा बाजिया हेली
बिन झालर झंकार साथंन सुन
पतली पड गयी पान सी हेली
अजू ना आयो पियो देस
हेली जिन घर उगे ना आथमे
वे है मालिक जी रा देस साथन सुन
तुरिया पलानिया रे हेली
दीनडा चार की राह साथन सुन
हेली जाय उतारो उन घराय हेली
जा घर आवे ना जाय साथन सुन
कहत कबीर धर्मिदास ने हेली
ज्या खोजा वाई पाए साथन सुन
Hansala Paal Na Chhodiye Je Jal Khaara Hoy
Cheelar Cheelar Bhatakata Taane Bhalo Nahin Kaisee Hoy
Paal Puraanee Jal Nuvo To Hansalo Baitho Aay
Preet Puraanee Re Kaarane To Chug Chug Kankar Khaay
Related Post