कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी लिरिक्स हिंदी Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari Lyrics

कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी लिरिक्स हिंदी Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari Lyrics Most Popular Ram Bhajan by Devi Bhakti Prabha Ji

 
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी लिरिक्स हिंदी Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari Lyrics

भीलनी परम तपश्विनी शबरी जाको नाम
गुरु मतंग कह कर गए तोहे मिलेंगे राम

कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उमर गयी सारी

कही कोई काँटा कांटा प्रभु को नहीं चुभ जाये
पग पग पगछारे चुन चुन पुष्प बिछाए
मीठे फल चख कर नित्य सजाये थारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी

श्री राम चरण मे प्राण बसे शबरी के
प्रभु दर्शन दे तो भाग जगे शबरी के
रघुनाथ प्राणनिधि पर जीवन बलिहारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी

कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उमर गयी सारी
 

 
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी लिरिक्स हिंदी Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari Lyrics
 
Bheelanee Param Tapashvinee Shabaree Jaako Naam
Guru Matang Kah Kar Gae Tohe Milenge Raam

Kab Darshan Denge Raam Param Hitakaaree
Kab Darshan Denge Raam Deen Hitakaaree
Raasta Dekhat Shabaree Kee Umar Gayee Saaree

Kahee Koee Kaanta Kaanta Prabhu Ko Nahin Chubh Jaaye
Pag Pag Pagachhaare Chun Chun Pushp Bichhae
Meethe Phal Chakh Kar Nity Sajaaye Thaaree
Raasta Dekhat Shabaree Kee Umr Gayee Saaree
Kab Darshan Denge Raam Param Hitakaaree

Shree Raam Charan Me Praan Base Shabaree Ke
Prabhu Darshan De To Bhaag Jage Shabaree Ke
Raghunaath Praananidhi Par Jeevan Balihaaree
Raasta Dekhat Shabaree Kee Umr Gayee Saaree
Kab Darshan Denge Raam Param Hitakaaree

Kab Darshan Denge Raam Param Hitakaaree
Kab Darshan Denge Raam Deen Hitakaaree
Raasta Dekhat Shabaree Kee Umar Gayee Saaree
 
स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज की कृपा पात्र पुत्री देवी भक्ति प्रभा जी - कब दर्शन देंगे राम दीन
श्री राम, भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। वे एक आदर्श पुत्र, भाई, पति, और राजा थे। उनके जीवन और कर्मों से हमें कई महत्वपूर्ण शिक्षाएँ मिलती हैं। श्री राम ने अपने पिता के वचन का पालन किया और सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास पर चले गए। वनवास में उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। उन्होंने हमेशा सत्य और न्याय की राह पर चलना जारी रखा।

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