किसकी शरण में जाऊं अशरण शरण
किसकी शरण में जाऊं अशरण शरण तुम्ही हो
गज ग्राह से छुड़ाया प्रह्लाद को बचाया
द्रोपदी का पट बढ़ाया निर्बल के बल तुम्ही हो
अति दीन था सुदामा आया तुम्हारे धामा
धनपति उसे बनाया निर्धन के धन तुम्ही हो
तारा सदन कसाई अजामिल की गति बनाई
गणिका सुपुर पठाई पातक हरण तुम्ही हो
मुझको तो हे बिहारी आशा है बस तुम्हारी
काहे सुरति बिसारी मेरे तो एक तुम्ही हो
Kisakee Sharan Mein Jaoon Asharan Sharan Tumhee Ho
Gaj Graah Se Chhudaaya Prahlaad Ko Bachaaya
Dropadee Ka Pat Badhaaya Nirbal Ke Bal Tumhee Ho
Ati Deen Tha Sudaama Aaya Tumhaare Dhaama
Dhanapati Use Banaaya Nirdhan Ke Dhan Tumhee Ho
Taara Sadan Kasaee Ajaamil Kee Gati Banaee
Ganika Supur Pathaee Paatak Haran Tumhee Ho
Mujhako To He Bihaaree Aasha Hai Bas Tumhaaree
Kaahe Surati Bisaaree Mere To Ek Tumhee Ho
किसकी शरण में जाऊं अशरण शरण तुम्ही हो ॥
गज ग्राह से छुड़ाया प्रह्लाद को बचाया
द्रोपदी का पट बढ़ाया निर्बल के बल तुम्ही हो ॥
किसकी शरण में जाऊं अशरण शरण तुम्ही हो / बलराम "मानस" हृदय को छूने वाली भजन
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