लाल ध्वजा लहराये रे मैया तोरी ऊंची पहड़िया
(मुखड़ा)
लाल ध्वजा लहराए रे,
मैया तोरी ऊँची पहड़िया।।
(अंतरा)
लोंग, इलायची के बीड़ा लगाए,
चंपा-चमेली के हार बनाए,
लाल अनार चढ़ाए रे,
मैया तोरी ऊँची पहड़िया।।
लाल गुलाल से लाल भए हैं,
लाल तुम्हारे निहाल भए हैं,
मैया के रंग रंग आए रे,
मैया तोरी ऊँची पहड़िया।।
पदम सुमिर, मैया तोरे जस गाए,
चरणों में तोरे शीश झुकाए,
गीत-सुमन बरसाए रे,
मैया तोरी ऊँची पहड़िया।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
लाल ध्वजा लहराए रे,
मैया तोरी ऊँची पहड़िया।।
lal dhwaja lahraye ho