पीर तेरे जान दी किद्दा जरांगा में
पीर : पीड़ा, दुःख
किद्दा : कैसे
जरांगा (दुःख को सहन करना )
-तेरे जाने की पीड को मैं कैसे सहन करूँगा ? तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में
-तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ?
पीर तेरे जान दी -तेरे जाने का दुःख
पीर तेरे जान दी -तेरे जाने का दुःख की करांगा प्यार दी लुट्टी बहार नू
-प्यार के उजड़ चुके बसंत का में क्या करूँगा ?
सज्जियाँ सजाइयाँ मफ़िला घुन्डे सिंगार नूं -सजी हुयी महफिले और सजे हुए आपसी मिलन का हत्थी मरी मुस्कान दा मातम करांगा में
हत्थी : हाथोंसे
मस्कान : बहुत सुंदर नारी
मातम : दुःख मनाना
-में तो अपने हाथों से उसका मातम मनाऊंगा। सजन के चले जाने पर में तो हाथ पीट कर मातम मनाऊंगा।
तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में -तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ? पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख जे रो पेया तो केहण गे दीवाना हो गया
दीवाना : पाग़ल
-अगर में रोता हूँ तो लोग कहेंगे की मैं पागल हो गया हूँ। ना बोलिया तां के ण गे बेगाना हो गया
-अगर मैंचुप रहता हूँ तो लोग कहेंगे की मुझे किसी से कोई लेना देना नहीं है।
लोकां दी इस जुबान जो किद्दा फड़ां गा में
किद्दा : कैसे
फड़ांगा : पकड़ना
-लोगों की जुबान को मैं कैसे पकडूँगा तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में
-तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ?
पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख साहां दी डुब्बी नाव नूं न झोका मिले या ना
साहां : मेरी (असां दी )
झौका : मदद का हाथ
-मेरी डूबती नांव को कोई मदद मिले या ना मिले इस जहॉंण मिलण दा मौका मिले या ना
-जीवन रहते इस जहां में मिलने का मौका मिले या नहीं। अगले जनम मिलण दी कोशिश करांगा में
-में अगले जनम फिर से मिलने की कोशिश करूँगा।
तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में
-तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ? पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख सजणा ज़रा ठेर जा सजदा तां कर लवां
-जरा रुको, मैं तुम्हे आखिर बार सलाम कर लूँ (सजदा -रेस्पेक्ट से सर झुकाना ) अठरु ना कोई वेख ले परदा तां कर लवा
-मेरे आंशुओं को कोई देख ना ले, में परदा कर लू।
'माना ' दिला दी सेज ते पत्थर धारान्गा मैं
-दिल पर पत्थर रखना होगा ए जाण वालिया अलविदा ए नहीं कहांगा में
-मैं तुम्हे अलविदा भी नहीं कह सकता हूँ।
पीर : पीड़ा, दुःख
किद्दा : कैसे
जरांगा (दुःख को सहन करना )
-तेरे जाने की पीड को मैं कैसे सहन करूँगा ? तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में
-तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ?
पीर तेरे जान दी -तेरे जाने का दुःख
पीर तेरे जान दी -तेरे जाने का दुःख की करांगा प्यार दी लुट्टी बहार नू
-प्यार के उजड़ चुके बसंत का में क्या करूँगा ?
सज्जियाँ सजाइयाँ मफ़िला घुन्डे सिंगार नूं -सजी हुयी महफिले और सजे हुए आपसी मिलन का हत्थी मरी मुस्कान दा मातम करांगा में
हत्थी : हाथोंसे
मस्कान : बहुत सुंदर नारी
मातम : दुःख मनाना
-में तो अपने हाथों से उसका मातम मनाऊंगा। सजन के चले जाने पर में तो हाथ पीट कर मातम मनाऊंगा।
तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में -तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ? पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख जे रो पेया तो केहण गे दीवाना हो गया
दीवाना : पाग़ल
-अगर में रोता हूँ तो लोग कहेंगे की मैं पागल हो गया हूँ। ना बोलिया तां के ण गे बेगाना हो गया
-अगर मैंचुप रहता हूँ तो लोग कहेंगे की मुझे किसी से कोई लेना देना नहीं है।
लोकां दी इस जुबान जो किद्दा फड़ां गा में
किद्दा : कैसे
फड़ांगा : पकड़ना
-लोगों की जुबान को मैं कैसे पकडूँगा तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में
-तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ?
पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख साहां दी डुब्बी नाव नूं न झोका मिले या ना
साहां : मेरी (असां दी )
झौका : मदद का हाथ
-मेरी डूबती नांव को कोई मदद मिले या ना मिले इस जहॉंण मिलण दा मौका मिले या ना
-जीवन रहते इस जहां में मिलने का मौका मिले या नहीं। अगले जनम मिलण दी कोशिश करांगा में
-में अगले जनम फिर से मिलने की कोशिश करूँगा।
तेरे बगैर जिन्दगी नु की करांगा में
-तेरे बगैर जिंदगी का कोई मतलब नहीं है, में इसका क्या करूँगा ? पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख पीर तेरे जान दी
-तेरे जाने का दुःख सजणा ज़रा ठेर जा सजदा तां कर लवां
-जरा रुको, मैं तुम्हे आखिर बार सलाम कर लूँ (सजदा -रेस्पेक्ट से सर झुकाना ) अठरु ना कोई वेख ले परदा तां कर लवा
-मेरे आंशुओं को कोई देख ना ले, में परदा कर लू।
'माना ' दिला दी सेज ते पत्थर धारान्गा मैं
-दिल पर पत्थर रखना होगा ए जाण वालिया अलविदा ए नहीं कहांगा में
-मैं तुम्हे अलविदा भी नहीं कह सकता हूँ।
Album: Peer Tere Jaan Di (1988)
Song: Peer Tere Jaan Di
Vocals and Lyrics: Gurdas Maan
Music: Kuljit Bhamra
Song: Peer Tere Jaan Di
Vocals and Lyrics: Gurdas Maan
Music: Kuljit Bhamra
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Author - Saroj Jangir
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