पतंजलि गिलोय सत के फायदे Patanjali Giloy Sat Benefits Fayde

पतंजलि गिलोय सत के फायदे Patanjali Giloy Sat Benefits Fayde

गिलोय सत्व क्या होता है : गिलोय सत्व गिलोय का सत होता है। सत से तात्पर्य है निचोड़। यानी की हम गिलोय का निचोड़ निकाल कर जब उसे उपयोग में लेते हैं तो उसे ही सत्व कहा जाता है। गिलोय को काट पीट कर इसमें से स्टार्च को निकाल कर जो इसका सारांस निकलता है उसे ही गिलोय सत्व कहा जाता है। वस्तुतः गिलोय बेल के जब पत्ते झड जाते हैं (अक्तूबर से फरवरी माह के बीच की अवधि ) तब इसका सत्व बनाने के लिए बेहतर होता है। 


पतंजलि गिलोय सत के फायदे Patanjali Giloy Sat Benefits Fayde
 

गिलोय यानी आयुर्वेद की अमृता। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करके असंख्य रोगों को समाप्त करने की ताकत रखती है गिलोय। ऐसा नहीं है की गिलोय कोई आज पैदा हो गयी हो, ये तो प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक दवा बनाने में एक मुख्य आधार रही है लेकिन यहाँ ये गौरतलब है की बाबा रामदेव ने अपने मंच से इसके बारे में लोगो को जाग्रत अवश्य किया है जिसका साधुवाद उन्हें दिया जाना चाहिए। बहरहाल, आज का विषय है की गिलोय सत्व (सत) क्या होता है और इसके क्या क्या आयुर्वेदिक गुण हैं। यदि आप गिलोय के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो निचे दिए लिंक पर आप जाए और इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

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गिलोय सत्व के सेवन से क्या लाभ मिलता है

वस्तुतः जो गिलोय के पत्ते, स्वरस आदि से जो गुण प्राप्त होते हैं वही सभी इसके सत्व से भी प्राप्त होते हैं। कुछ विशेष गुण निम्न प्रकार से हैं।

  • सर्दी खांसी और कफ्फ जैसे विकारों में यह अत्यंत ही लाभदायी होता है।
  • उदर विकार में भी इसका सेवन लाभदायी होता है।
  • मूत्र रोग सबंधी विकारों में यह उत्तम ओषधि होती है।
  • ब्लड प्रेशर चाहे वह उच्च हो या फिर निम्न दोनों ही स्थिति में इसका सेवन लाभदायी होता है।
  • शुगर(मधुमेह) रोग में भी इसके सेवन से शर्करा को नियंत्रण करने में मदद मिलती है।
  • बुखार और वायरल संक्रमण में लाभ मिलता है।
  • अम्लपित, रक्ताल्पता, पीलिया , यकृत के विकारों में , सुजन , रक्त अशुद्धि, वातरक्त, एवं स्त्रियों के श्वेत प्रदर आदि विकारों में भी लाभदायी।
  • यह त्रिदोष शमन का कार्य करता है , वात कफ और पित्त को रेगुलेट करता है।
  • यदि आपके शरीर में पित्त बढ़ जाता है, शरीर में दाह हो तो यह पित्त को भी नियंत्रित करने में सहयोगी होती है।
  • गिलोय सत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में बहुत ही उपयोगी ओषधि होती है।
  • यह शुक्रल औषधि है।
  • मूत्र का पूरा नहीं लगना, कुछ रुक रुक कर आना और पेशाब नली में जलन होने पर इसका सेवन संक्रमण को दूर करता है।
  • शरीर के बढे हुए तापमान को शीघ्र ही शांत करता है।
  • त्वचा विकारों यथा कुष्ठ रोग, दाद खाज और खुजली के अलावा त्वचा के संक्रमण को दूर करने में उपयोगी होती है।
  • इसके सेवन से पाचन तंत्र भी सुदृढ़ बनता है और भूख नहीं लगने को दूर करता है।
  • पीलिया रोग में इसका सेवन उपयोगी होता है।
  • शरीर में रक्त की कमी को दूर करने में सहायक होता है।
  • गिलोय संपूर्ण शरीर का कायाकल्प करने में अति उत्तमकारी होती है।
  • क्षय रोग के लिए भी गिलोय बहुत ही लाभदायी होती है।
  • नवीनतम शोध के अनुसार यह कैंसर जैसे भयंकर रोग के विषाणु को बढ़ने से भी रोकने में मददगार होती है, हालाँकि अभी इसके कोई पुष्ट परिणाम नहीं आये हैं।

पतंजलि गिलोय सत को कहाँ से खरीदें 

 पतंजलि गिलोय सत पाउच रूप में उपलब्ध है जो की आपको पतंजलि के स्टोर्स पर मिल जाती है। यदि आप इसे ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो पतंजलि आयुर्वेद की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करे जिसका लिंक निचे दिया जा रहा है। इस लिंक के माध्यम से आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/pishti/giloy-sat/47
 

पतंजलि वेब साईट पर गिलोय सत के विषय पर कथन :

Giloy Sat is a traditional Ayurvedic medicine that cures chronic fever, clammy hands, excess perspiration, thirst, hemorrhoids, vaginal discharge, etc. Giloy has very potent antibacterial, anti-inflammatory properties and is a natural antacid. It cures infections, corrects digestive disorders and boosts immunity. Giloy Sat brings to you the goodness of giloy extracted with the care it deserves. Take Giloy Sat for relief from blood, bone, digestion problems or infections. Experience holistic recovery with Giloy Sat.
 

पतंजलि गिलोय सत की कीमत

पतंजलि गिलोय सत पांच ग्राम और १० ग्राम के पाउच में उपलब्ध है जिसे आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं। 5 ग्राम गिलोय की कीमत 23 रुपये और 10 ग्राम की कीमत 47 रुपये दर्शाई गयी है जो की यह लेख लिखे जाने के वक़्त तक की मौजूदा जानकारी पर आधारित है।

पतंजलि गिलोय सत का सेवन कैसे करे

पतंजलि गिलोय सत का सेवन करने से पूर्व वैद्य की सलाह अवश्य लेवे जो आपकी उम्र और शरीर की तासीर के मुताबिक आपको इस विषय में जानकारी देगा। सामान्य रूप से दो से तीन मिली ग्राम गिलोय सत का उपयोग किया जाता है, जिसे गर्म पानी के साथ लिया जाता है।

पतंजलि गिलोय सत के साइड इफेक्ट्स

यह एक आयुर्वेदिक दवा है जिसके सामान्य रूप से कोई भी दुष्परिणाम नहीं होते हैं। इस विषय पर आप वैद्य की सलाह के उपरांत ही इसका सेवन करे। अधिक मात्रा में इसका सेवन हानिप्रद होता है।

पतंजलि गिलोय सत का उपयोग कब नहीं करे

साधारण रूप से गिलोय सत का उपयोग करने में कोई हानि नहीं होती है फिर भी आप वैद्य की सलाह लेवे। सामान्य रूप में निम्न स्थितियों में गिलोय सत का उपयोग हानिकारक हो सकता है।

  • यदि आपको गंभीर पेट सबंधी बिमारी हो।
  • यदि आपके शरीर में पहले से ही पित्त बिगड़ने के कारन अधिक गर्मी हो।
  • यदि आपका ब्लड शुगर कम हो तो।
  • यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता आवश्यकता से अधिक सक्रीय हो। ऐसी स्थति में आपको
  • ल्‍यूपस, मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसे विकारों का सामना करना पड सकता है।
  • सर्जरी / गर्भावस्था के समय इसके सेवन से परहेज किया जाना चाहिए।

The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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