गिलोय सत को घर पर कैसे बनाए How To Make Giloy Sat at Home
गिलोय : गिलोय एक लता वर्ग की ओषधिय गुणों से भरपूर हर्ब है जो आपकी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इसीलिए इसे आयुर्वेद में "अमृता" कहा गया है। गिलोय के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आप पूर्व के आर्टिकल पढ़ सकते हैं जिनका लिंक निचे गिये गए हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएँगे की गिलोय का सत आप आने घर पर कैसे बना सकते हैं।
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गिलोय का सत्व घर पर कैसे बनाए
पतझड़ में गिलोय की बेल के तने को छोटे छोटे टुकड़ो में काट कर ओंखली में इसे अच्छे से कूट लें। जब यह कुछ ढीला पड़ने लगे तो इसमें पानी की जरा सी मात्र मिलाकर फिर कूटा जाता है। जब अच्छे से बहुत बारीक कूट लिया जाता है (लुगदी बना ले ) तो गिलोय के इस मिश्रण को आप किसी बड़े भगोने में रख ले और आवश्यकता के अनुसार बहुत ही कम पानी मिलाकर इसे किसी सूती कपडे में गाँठ बनाकर जोर लगा कर इसे छान ले। आप इसे मिक्सी में भी पीस सकते हैं, बस पानी ज्यादा नहीं डाले। इसे बेहतर ऐसे समझे जैसे की गन्ने से उसका रस निकला जाता हो। अब जो रस आपको मिलता है उसे कुछ देर (कम से कम चार से पांच घंटे तक ) तक स्थिर पड़ा रहने दे। जब आप इसे रखे तो इस पर सूती कपडा बाँध दे ताकि कोई अशुद्धि इसमें कोई असुद्धि ऊपर से ना गिर जाए।
दो से तीन घंटे बाद आप इसे संभालेंगे तो पायेंगे की की गिलोय का सत नीचे बैठ जाता है और अतिरिक्त पानी ऊपर तरी के रूप में रह जाता है। अब जो अतिरिक्त पानी तरी के रूप में ऊपर दिखाई देता है उसे निकाल दिया जाता है और फिर निचे बच चुके शुद्ध रस को फिर से कुछ देर तक छोड़ दे। अब आप पायेंगे की निचे कुछ गाद नुमा प्रदार्थ बच जाता है (सारा पानी निकालने के बाद ) यही गिलोय का सत्व होता है। अब इस सत को आप तेज धुप में सूखने के लिए रख सात से आठ घंटे के लिए सूखने के लिए छोड़ दे। पूरा सूखने के उपरान्त गिलोय का सत्व पात्र में चिपक जाएगा जिसे किसी चम्मच की सहायता से निकल लें। यदि कुछ गांठे बन जाती हैं तो आप इसे खरड की सहायता से या फिर मिक्सी से पीस कर महीन चूर्ण बना ले। इस तरह से आपका सत तैयार हो जाता है। इसे किसी हवाबंद डिब्बे में स्टोर करे। यह विधि सत तैयार करने की प्राचीनतम विधि है जिसमे गिलोय के सारे गुण सत में इकट्ठे हो जाते हैं।
गिलोय सत बनाने के लिए विशेष ध्यान रखने योग्य बातें
- गिलोय का सत आप आसानी से अपने घर पर ही तैयार कर सकते हैं इसके लिए आपको निम्न बातों पर विशेष रूप से ध्यान देना है।
- सत बनाने के लिए जिस बेल के तने का चयन करें उसमे ध्यान रखे की उस बेल का तना आपके अंगूठे के सामान मोटा हो।
- पतझड़ के मौसम में गिलोय का सत बनाना अधिक लाभदायी माना जाता है।
- गिलोय के तने के टुकड़ो को कूटने के दौरान धयान रखें की उन्हें बिलकुल लुगदी की तरह से कूट ले और जिससे उनका पूरा रस बाहर आ जाए।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple
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and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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