पूजा गोवर्धन की करि लै भजन
पूजा गोवर्धन की करि लै भजन
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
पूजा गोवर्धन की करिलै
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
अड्डे पै भीर बड़ी होगी
मोटर नाँय एक खड़ी होगी
तू चल दै चालम चाल
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
जा मानसी गंगा नहियो
गिर्राज कूँ माथ नवइयो
फिर परिकम्मा कू जाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
परिकम्मा में मिलें भिखारी
दीजो भिक्षा उनकूँ डारी
तू पुन्य बड़ौ ही पाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
मन्दिर जो बीच पड़िंगे
पइसा एक-एक चढ़िंगे
तू दर्शन करती जाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
जब आवै पूछरी को लौटा
बिन खाये जो पड़ौ सिलौटा
वाय चरनन सीस झुकाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
जब राधाकुण्ड कूँ जाबे
वहाँ दोनों कुण्ड में नहावै
तेरे पाप सभी धुल जाँय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
तू लौट गोवर्धन आवै
श्रम तेरौ सब हर जावै
जब मानसी गंगा नहाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
पूजा कौ थाल सजइयो
बर्फी को भोग लगइयो
गिर्राज कू शीश नवाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
गिरिराज से ध्यान लगावे
मन वांछित फल तू पावे
नन्दन यूँ कहत सुनाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
पूजा गोवर्धन की करि लै
पूजा गोवर्धन की करिलै
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
अड्डे पै भीर बड़ी होगी
मोटर नाँय एक खड़ी होगी
तू चल दै चालम चाल
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
जा मानसी गंगा नहियो
गिर्राज कूँ माथ नवइयो
फिर परिकम्मा कू जाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
परिकम्मा में मिलें भिखारी
दीजो भिक्षा उनकूँ डारी
तू पुन्य बड़ौ ही पाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
मन्दिर जो बीच पड़िंगे
पइसा एक-एक चढ़िंगे
तू दर्शन करती जाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
जब आवै पूछरी को लौटा
बिन खाये जो पड़ौ सिलौटा
वाय चरनन सीस झुकाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
जब राधाकुण्ड कूँ जाबे
वहाँ दोनों कुण्ड में नहावै
तेरे पाप सभी धुल जाँय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
तू लौट गोवर्धन आवै
श्रम तेरौ सब हर जावै
जब मानसी गंगा नहाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
पूजा कौ थाल सजइयो
बर्फी को भोग लगइयो
गिर्राज कू शीश नवाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
गिरिराज से ध्यान लगावे
मन वांछित फल तू पावे
नन्दन यूँ कहत सुनाय
तेरे सब संकट कटि जायें
पूजा गोवर्धन की करि लै
गोवर्धन पूजा | भजन | पूजा गोवर्धन की करले | स्वर - माधव शर्मा | Puja Govardhan Ki Karle
Tere Sab Sankat Kati JaayenPooja Govardhan Kee Kari Lai
गोवर्धन पर्वत भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में स्थित एक पवित्र पर्वत है। यह ब्रजभूमि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भगवान कृष्ण की लीलाओं का स्थल है। गोवर्धन पर्वत की ऊंचाई 762 मीटर (2,500 फीट) है। यह एक प्राचीन पर्वत है, जिसका उल्लेख महाभारत और अन्य प्राचीन हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है। गोवर्धन पर्वत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक प्रसिद्ध हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इंद्र देव के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था। इस घटना को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है, जो दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन, लाखों लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
Song: Puja Govardhan Ki Karle
Singer: Madhav Sharma
Composition: Sohan Lal
Lyrics: Traditional
Category: Hindi Devotional
Singer: Madhav Sharma
Composition: Sohan Lal
Lyrics: Traditional
Category: Hindi Devotional
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