बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से, बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से।
रंग लायो रे मोहन, लायो रे वृंदावन से, रंग लायो रे मोहन, लायो रे वृंदावन से।
अरे म्हारी तो राधा, बरसाने वाली, म्हारी तो राधा, बरसाने वाली, मथुरा वालो यो मोहन, आयो रे वृंदावन से,
मथुरा वालो यो मोहन, आयो रे वृंदावन से।
बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से, बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से।
अरे म्हारी तो राधा, छैल छबीली, म्हारी तो राधा, छैल छबीली, रंग रंगीलो यो मोहन, आयो रे वृंदावन से, रंग रंगीलो यो मोहन, आयो रे वृंदावन से।
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से, बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से।
अरे म्हारी तो राधा, गोरी-गोरी, म्हारी तो राधा, गोरी-गोरी, सांवरो सलोना यो मोहन, आयो रे वृंदावन से, सांवरो सलोना यो मोहन, आयो रे वृंदावन से।
बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से, बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से।
अरे सारी तो दुनिया, मोहन की दीवानी, सारी तो दुनिया, मोहन की दीवानी, राधा को दीवानो यो मोहन, आयो रे वृंदावन से, राधा को दीवानो यो मोहन, आयो रे वृंदावन से।
बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से, बरसाना आयो रे मोहन, आयो रे वृंदावन से।
यह भजन श्रीकृष्ण की लीला और उनके बरसाना आगमन का भावपूर्ण वर्णन करता है। इसमें भक्तजन आनंदित होकर गाते हैं कि कान्हा वृंदावन से बरसाना आए हैं, रंगों की बहार लाए हैं। राधा जी के प्रेम और उनके अलौकिक सौंदर्य का भी सुंदर चित्रण किया गया है। गीत में राधा को 'बरसाने वाली', 'छेल छबीली' और 'गोरी-गोरी' कहकर उनके स्वरूप का गुणगान किया गया है। मथुरा और वृंदावन के प्रेमी कृष्ण को पूरी दुनिया दीवानी होकर निहार रही है, लेकिन वे तो राधा के ही दीवाने हैं। यह भजन होली और अन्य कृष्ण भक्तिमय अवसरों पर विशेष रूप से गाया जाता है, जो भक्तों को आनंद और भक्ति के रंग में रंग देता है।