तेरे दर का बना ले तू मने सेवादार मैया

तेरे दर का बना ले तू मने सेवादार मैया री

 
तेरे दर का बना ले तू मने सेवादार मैया री लिरिक्स Tere Dar Ka Bana Le Tu Lyrics

बीती जावे स उमर
फिरो दर बदर
गया हार मैया री
तेरे दर का बना ले तू बना ले
मने सेवादार मैया री

सोना सोना रूप तेरा यो
मन मेरे न भाग्या री
तेरे नाम का चर्चा सुन के
तेरे शाम पे आग्या री
सोना सोना रूप तेरा यो
मन मेरे न भाग्या री
तेरे नाम का चर्चा सुन के
तेरे शाम पे आग्या री
छाई दिल में उमंग
चढ्या भक्ति का रंग
होया प्यार मैया री
तेरे दर का बना ले
तू बना ले
तू मने सेवादार मैया री

सुबह शाम हो मैया जी
में मंदिर तेरा बुहारुन्गा
खस खस चन्दन तिलक लगाऊ
आरती उतारूंगा
तेरे चरना की धुल
कोई हो जावे जो भूल
दे सुधार मैया री
तेरे दर का बना ले
तू बना ले
तू मने सेवादार मैया री

लाडू बूंदी बर्फी पैडा
छप्पन भोग लगाऊंगा
जब तू जिमेगी मैया
खड्या पंखा भी झुलाउंगा
लाडू बूंदी बर्फी पैडा
छप्पन भोग लगाऊंगा
जब तू जिमेगी मैया
खड्या पंखा भी झुलाउंगा
तेरे चरण दबाऊ
तेरी शरण में आऊ
पुचकार मैया री
तेरे दर का बना ले
तू बना ले
तू मने सेवादार मैया री

थोड़ी किरपा कर देगी
तो मेरा गुजारा हो जेगा
दुःख ना पावेगा सरगम
जो तेरा सहारा हो जेगा
थोड़ी किरपा कर देगी
तो मेरा गुजारा हो जेगा
दुःख ना पावेगा सरगम
जो तेरा सहारा हो जेगा
रेवे जब तक दम
चले यु ही कलम
धुआधार मैया री
तेरे दर का बना ले
तू बना ले
तू मने सेवादार मैया री
 

तेरे दर का बनालो सेवादार || Tere Dar Ka Bnalo Sevadar || Sandeep Sargam New Bhajan

Beetee Jaave Sa Umar
Phiro Dar Badar
Gaya Haar Maiya Ree
Tere Dar Ka Bana Le Too Bana Le
Mane Sevaadaar Maiya Ree

Sona Sona Roop Tera Yo
Man Mere Na Bhaagya Ree
Tere Naam Ka Charcha Sun Ke
Tere Shaam Pe Aagya Ree
Sona Sona Roop Tera Yo
Man Mere Na Bhaagya Ree
Tere Naam Ka Charcha Sun Ke
Tere Shaam Pe Aagya Ree
Chhaee Dil Mein Umang
Chadhya Bhakti Ka Rang
Hoya Pyaar Maiya Ree
Tere Dar Ka Bana Le
Too Bana Le
Too Mane Sevaadaar Maiya Ree

Subah Shaam Ho Maiya Jee
Mein Mandir Tera Buhaarunga
Khas Khas Chandan Tilak Lagaoo
Aaratee Utaaroonga
Tere Charana Kee Dhul
Koee Ho Jaave Jo Bhool
De Sudhaar Maiya Ree
Tere Dar Ka Bana Le
Too Bana Le
Too Mane Sevaadaar Maiya Ree

Laadoo Boondee Barphee Paida
Chhappan Bhog Lagaoonga
Jab Too Jimegee Maiya
Khadya Pankha Bhee Jhulaunga
Laadoo Boondee Barphee Paida
Chhappan Bhog Lagaoonga
Jab Too Jimegee Maiya
Khadya Pankha Bhee Jhulaunga
Tere Charan Dabaoo
Teree Sharan Mein Aaoo
Puchakaar Maiya Ree
Tere Dar Ka Bana Le
Too Bana Le
Too Mane Sevaadaar Maiya Ree

Thodee Kirapa Kar Degee
To Mera Gujaara Ho Jega
Duhkh Na Paavega Saragam
Jo Tera Sahaara Ho Jega
Thodee Kirapa Kar Degee
To Mera Gujaara Ho Jega
Duhkh Na Paavega Saragam
Jo Tera Sahaara Ho Jega
Reve Jab Tak Dam
Chale Yu Hee Kalam
Dhuaadhaar Maiya Ree
Tere Dar Ka Bana Le
Too Bana Le
Too Mane Sevaadaar Maiya Ree


हिंदू धर्म में, नवरात्रि एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि का त्योहार चैत्र या आश्विन महीने में मनाया जाता है।

नवरात्रि के नौ रूपों का विस्तार से वर्णन इस प्रकार है:

1. शैलपुत्री

नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री को समर्पित है। शैलपुत्री देवी दुर्गा का पहला रूप है। उनका जन्म हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ था। शैलपुत्री देवी एक सिंह पर सवार हैं और उनके हाथों में त्रिशूल और कमल हैं।

2. ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि का दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा रूप है। देवी ब्रह्मचारिणी को तपस्या की देवी माना जाता है। वह एक सफेद वस्त्र पहने हुए हैं और उनके हाथों में कमल और माला है।

3. चंद्रघंटा
नवरात्रि का तीसरा दिन चंद्रघंटा को समर्पित है। चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा रूप है। उनके माथे पर अर्धचंद्र है, इसलिए उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। देवी चंद्रघंटा को सौंदर्य और शीतलता की देवी माना जाता है।

4. कूष्मांडा
नवरात्रि का चौथा दिन कूष्मांडा को समर्पित है। कूष्मांडा देवी दुर्गा का चौथा रूप है। देवी कूष्मांडा ने ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था, इसलिए उनका नाम कूष्मांडा पड़ा। देवी कूष्मांडा को शक्ति और ऊर्जा की देवी माना जाता है।

5. स्कंदमाता
नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता को समर्पित है। स्कंदमाता देवी दुर्गा का पांचवां रूप है। देवी स्कंदमाता के हाथों में कन्या और हथियार हैं। देवी स्कंदमाता को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है।

6. कात्यायनी
नवरात्रि का छठा दिन कात्यायनी को समर्पित है। कात्यायनी देवी दुर्गा का छठा रूप है। देवी कात्यायनी के हाथों में कमल और धनुष-बाण हैं। देवी कात्यायनी को शक्ति और वीरता की देवी माना जाता है।

7. कालरात्रि
नवरात्रि का सातवां दिन कालरात्रि को समर्पित है। कालरात्रि देवी दुर्गा का सातवां रूप है। देवी कालरात्रि के हाथों में त्रिशूल और खड्ग है। देवी कालरात्रि को भय और विनाश की देवी माना जाता है।

8. महागौरी
नवरात्रि का आठवां दिन महागौरी को समर्पित है। महागौरी देवी दुर्गा का आठवां रूप है। देवी महागौरी के हाथों में त्रिशूल और डमरू है। देवी महागौरी को शीतलता और सौंदर्य की देवी माना जाता है।

9. सिद्धिदात्री
नवरात्रि का नौवां दिन सिद्धिदात्री को समर्पित है। सिद्धिदात्री देवी दुर्गा का नौवां और अंतिम रूप है। देवी सिद्धिदात्री के हाथों में कमल और माला है। देवी सिद्धिदात्री को सभी प्रकार की सिद्धियों की देवी माना जाता है।

नवरात्रि के नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। देवी दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है, और उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति, साहस, और सफलता प्राप्त होती है।
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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