चादर झीनी रंग झीनी कबीर भजन
म्हारी सदा राम रस बिनी
चादर झीनी रंग झीनी
अष्ट कमल दल चरखा चले, पांच तत्व गुण तीनी
कर्म की पूनी कान्तं बैठी, कुकरी सूरत महिनी
चादर झीनी रंग झीनी , झीनी झीनी झीनी
इंगला पिंगला ताना कीन्हों सुखमनिया भर दीनी
नौ दस मॉस बितान लागा, ठीक थक कर बीनी
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
या चादर धोबी के दीन्ही, शब्द ताल धर दीनी
सूरत शिला पर पकड़ पचाती, इस विध उजली किन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
या चादर रंगरेज़ के दीन्ही भांत भांत रंग दीन्ही
प्रेम पति का रंग चढाया, पिली पीताम्बर कीन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
या चादर सुर नर मुनि ओढी, ओढ़ के मैली कीन्ही
अर्जुन ओढ़ महरम नहीं जाना, मूरख मैली कीन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी
ध्रुव ओढी, प्रहलाद ने ओढी, सुखदेव निर्मल कीन्ही
दास कबीर ने जुगत से ओढी, ज्यों की त्यों धर दीन्ही
चादर झीनी रंग झीनी, झीनी झीनी झीनी Chaadar Jheeni Rang Jheeni' by Prahlad Tipanya
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