संत समागम परम सुख जान अल्प सुख और हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

संत समागम परम सुख जान अल्प सुख और-हिंदी मीनिंग Sant Samagam Param Sukh Jaan Alp Sukh Aur Hindi Meaning कबीर दोहे व्याख्या हिंदी

संत समागम परम सुख जान अल्प सुख और।
मान सरोवर हंस है, बगुला ठौरे ठौर।।
 
Sant Samaagam Param Sukh Jaan Alp Sukh Aur.
Maan Sarovar Hans Hai, Bagula Thaure Thaur.
 
संत समागम परम सुख जान अल्प सुख और हिंदी मीनिंग Sant Samagam Param Sukh Jaan Alp Sukh Aur Hindi Meaning

दोहे का हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meaning: संतजन का सुख, संतजन के समीप रहने का सुख परमसुख है उसके समान अन्य कोई सुख नहीं है। संतजन को प्राप्त करना /ढूँढना बड़ा ही मुश्किल है। जैसे जगह जगह (ठौर ठौर पर ) बगुला तो मिल जाता है लेकिन हंस केवल मानसरोवर में ही मिलता है। भाव है की संत जन बहुत व्यक्ति होते हैं लेकिन उनसे मिलते जुलते ढोंगी और पाखंडी बहुत मिलते हैं जो सिवाय समस्याओं को बढाने के कोई अन्य कार्य नहीं कर सकते हैं।
 
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी देखें तो बगुलों की एक लम्बी फौज है जो हंस बनने का दावा करते हैं और अपनी कारस्तानी कर ही डालते हैं, इसीलिए कबीर साहेब ने संतजन / साधू / और गुरु की जितनी महिमा बतायी है उससे अधिक उन्होंने सच्चे गुरु और संतजन की पहचान बतायी है जिनमे प्रधान है की जिसको भी माया से कुछ लेना देना है, वह संत नहीं है। 

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