तेरी चौकी पे आ गया गुरूजी भजन
तेरी चौकी पे आ गया गुरूजी
ना उल्टा आज जाऊ
इन भूतां का बालाजी में
पक्का इलाज कराऊ
तेरी चौकी पे आ गया गुरूजी
ना उल्टा आज जाऊ
इन भूतां का बालाजी में
पक्का इलाज कराऊ
एक भूत मन्ने आके रात में
खाट से तले बगादे
आंख्या में दिखे कुछ ना
आंधा मने बना दे
आँख भी मेरी बंद हो ज्या स
नहीं कुछ में बोल पाऊ
इन भूतां का बालाजी में
पक्का इलाज कराऊ
तेरी हाँ में हाँ तेरी ना में ना
तेरी हाँ में हाँ तेरी ना में ना
इसे गुरु दुबारा ना मिलने
चरना में पड पड रोवेगी
इसे भगत दुबारा ना मिलने
एक भूत मेरी बुद्धि हर के
ठेके पर पहुचा दे
एक भूत मेरी बुद्धि हर के
ठेके पर पहुचा दे
पड़ी रहू में गलियों में
काला मुंह करवा दे
इज्जत मेरी कोन्या गाँव में
सारा दिन गाली खाऊ
इन भूतां का बालाजी में
पक्का इलाज कराऊ
चलता चलता काम मेरा वो
बिलकुल ठप्प करवा दे
हरदम कलह रहे मेरे घर में
इसा बांस बजवादे
कोई कहे लेउ जहर की गोली
कोई कहे फांसी खाऊ
इन भूतां का बालाजी में
पक्का इलाज कराऊ
कोई कहते तेरा पित्तर हूँ
मेरे कपडे पांच पहरा दे
कोय कहे में बालाजी हूँ
चौकी मेरी लगादे
भेद बता दे .....
अमन गुरूजी कुनसा कहन पुगाऊ
इन भूतां का बालाजी में
पक्का इलाज कराऊ आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं