गूँगा हूवा बावला बहरा हुआ कान मीनिंग
गूँगा हूवा बावला बहरा हुआ कान मीनिंग
गूँगा हूवा बावला, बहरा हुआ कान ।
पाऊँ थे पंगुल भया, सतगुर मारिया बाण।।
पाऊँ थे पंगुल भया, सतगुर मारिया बाण।।
Goonga Hoova Baavala, Bahara Hua Kaan .
Paoon The Pangul Bhaya, Satagur Maariya Baan.
Paoon The Pangul Bhaya, Satagur Maariya Baan.
गूँगा हूवा बावला शब्दार्थ: बावला = पागल, पाऊँ = पैर, थे -से, पंगुल-लकवाग्रस्त हो जाना, लंगडा, बाण-तीर (शब्दों के तीर) ।
गूँगा हूवा बावला दोहे का हिंदी मीनिंग: गुरु के शब्दों के बाण से मानो जीव गंगा हो गया है, उसके पास बोलने को कुछ रह ही नहीं गया है। सतगुरु के शब्दों के बाण उसे घायल कर रहे हैं और मोह माया से घिरे जीव को अब बोलते कुछ भी नहीं बन रहा है। वह पागल की तरह से हो गया है क्योंकि उसे कुछ भी सूझ नहीं रहा है। जगत की आवाजें अब उसे सुनाई ही नहीं दे रही है। जगत से उसका नाता टूट चूका है।
उसे गुरु ज्ञान के सिवाय ना तो कुछ सुनाई दे रहा है और ही वह कुछ बोल ही पा रहा है। माया का जाल अब छूट चूका है। पावों से मानों वह पंगु हो चूका है ऐसा शब्दों का बाण गुरु ने मारा है। जगत की मायाजनित कोई भी ध्वनि अब शिष्य को सुनाई नहीं दे रही है।
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