हिय हीरा की कोठरी बार बार मत खोल हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

हिय हीरा की कोठरी बार बार मत खोल हिंदी मीनिंग Hiy Heera Ki Kothri Bar Bar Mat Khol Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit कबीर दोहे व्याख्या हिंदी में

 
हिय हीरा की कोठरी, बार बार मत खोल
मिले हीरा का जोहरी, तब हीरो की मोल 

Hiy Heera Kee Kotharee, Baar Baar Mat Khol
Mile Heera Ka Joharee, Tab Heero Kee Mol 

हिय हीरा की कोठरी बार बार मत खोल हिंदी मीनिंग Hiy Heera Ki Kothri Bar Bar Mat Khol Hindi Meaning


हिय हीरा की कोठरी बार बार मत खोल दोहे का हिंदी मीनिंग : हीरे की पहचान किसे हैं ? मात्र जौहरी ही हीरे की पहचान करके उसका मोल कर सकता है। दूसरों के लिए वह एक पत्थर का टुकड़ा मात्र है। उसकी कीमत का आंकलन जौहरी कर सकता है। ऐसे ही हृदय में जो ज्ञान है, उसकी पहचान गुरु रूपी जौहरी ही कर सकता है, उसे सभी लोगों के समक्ष रखने का कोई लाभ नहीं है। ना तो वे उस ज्ञान को समझ पाएंगे और ना ही उस विषय में वे कोई सलाह ही दे पाएंगे। अन्य लोग जो माया के रंग में रंगे हैं वे तुम्हारा उपहास ही उड़ा सकते हैं कोई सुधार वे नहीं कर सकते हैं। ऐसे लोग सतजन के गुणों को भी दोष ही मानते हैं।  

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