कबीर देख्या एक अंग महिमा कही न जाइ हिंदी मीनिंग
कबीर देख्या एक अंग, महिमा कही न जाइ ।
तेज पुंज पारस घणो, नैनूं रहा समाय।।
Kabeer Dekhya Ek Ang, Mahima Kahee Na Jai .
Tej Punj Paaras Ghano, Nainoon Raha Samaay..
कबीर देख्या एक अंग शब्दार्थ : एक अंग = आंशिक, पारस = पत्थर।
कबीर देख्या एक अंग हिंदी मीनिंग : ब्रह्म की विशेषता है की उसका एक अंग ही वर्णनातीत है, वर्णन नहीं किया जा सकता है। कबीर साहेब ने एक ही अंग देखा और उसकी महिमा भी कही नहीं जा सकती है। वह व्याख्या से परे है जिसे शब्दों में बाँधा / बयान नहीं किया जा सकता है। परम पिता का तेज प्रकाश पुंज की भाँती है और वह पारस है और भक्त रूपी लोहे को भी स्वर्ण बना सकता है। वह अनंत लोक में प्रतिभाषित है। उस परम ब्रह्म का प्रकाश अब मेरे नयनो में सदा के लिए समां गया है।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं