इन अटकाया न रुके साधु दरश को जाय हिंदी मीनिंग In Atkaya Na Ruke Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
इन अटकाया न रुके, साधु दरश को जाय |कहैं कबीर सोई संतजन, मोक्ष मुक्ति फल पाय ||
In Atkaya Na Ruke, Sadhu Darash Ko Jay,
Kahe Kabir Soi Santjan, Moksh Mukti Phal Pay.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
इस दोहे में कबीर साहेब कहते हैं की संत दर्शन करना आवश्यक है, किसी के रोड़े अटकाने पर साधक को नहीं रुकना चाहिए। ऐसे साधक/संतजन ही मोक्ष का फल प्राप्त करते हैं। इस दोहे में कबीर दास जी कहते हैं कि किसी के रोड़े डालने से भी नहीं रुकना चाहिए और सन्त दर्शन के लिए अवश्य जाना चाहिए। कबीर दास जी के अनुसार, सन्त दर्शन मोक्ष प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन है। सन्त भक्तों को ईश्वर के बारे में सही ज्ञान देते हैं और उन्हें सही मार्ग पर चलने में मदद करते हैं। इसलिए, यदि कोई भक्त किसी के रोड़े डालने से भी नहीं रुककर सन्त दर्शन के लिए जाता है, तो उसे मोक्ष प्राप्ति में सफलता मिलती है।
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