सुनिये पार जो पाइया छाजिन भोजन आनि हिंदी मीनिंग

सुनिये पार जो पाइया छाजिन भोजन आनि हिंदी मीनिंग Suniye Par Jo Paiya Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

सुनिये पार जो पाइया, छाजिन भोजन आनि |
कहैं कबीर संतन को, देत न कीजै कानि ||
 
Suniye Par Jo Paiya, Chhajin Bhojan Aani,
Kahe Kabir Santan Ko, Det Na Keeje kani.
 
सुनिये पार जो पाइया छाजिन भोजन आनि हिंदी मीनिंग Suniye Par Jo Paiya Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

साधक को कबीर साहेब सन्देश देते हैं की यदि कोई व्यक्ति संसार सागर से मुक्ति प्राप्त करना चाहता है तो उसे भोजन और वस्त्र संतजन और साधू को समर्पित करना चाहिए. संतों को दान देने में किसी प्रकार की कोई देरी नहीं करनी चाहिए। कबीर साहेब की वाणी है कि यदि संसार के सागर से मुक्ति चाहते हो, तो आना कानी मत कर और संतजन को भोजन और वस्त्र आदि दान करो।

इस दोहे में कबीर साहेब कहते हैं कि यदि कोई भक्त संसार के सागर से पार जाना चाहता है, तो उसे संतजन को भोजन और वस्त्र आदि दान करना चाहिए। संतजन ईश्वर के दूत होते हैं और वे भक्तों को ईश्वर के बारे में ज्ञान देते हैं और उन्हें सही मार्ग पर चलने में मदद करते हैं। इसलिए, संतजन को दान करने से भक्त को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और उसे मोक्ष प्राप्ति सुनिश्चित होती है .

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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