सबै रसायन मैं किया हरि सा और न कोई हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

सबै रसायन मैं किया हरि सा और न कोई हिंदी मीनिंग Sabe Rasayan Main Kiya Hari Sa Naa Koi Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit


सबै रसायन मैं किया, हरि सा और न कोई।
तिल इक घट मैं संचरै, तौ सब तन कंचन होई।।
 
Sabai Rasaayan Main Kiya, Hari Sa Aur Na Koee.
Til Ik Ghat Main Sancharai, Tau Sab Tan Kanchan Hoee.
 
सबै रसायन मैं किया हरि सा और न कोई हिंदी मीनिंग Sabe Rasayan Main Kiya Hari Sa Naa Koi Hindi Meaning
 

सबै रसायन मैं किया दोहे का हिंदी मीनिंग : सभी रस, रसायन और सांसारिक क्रियाएं राम रस से कमतर हैं। ऐसा मैंने (कबीर साहेब ) आजमाकर देखा है, सभी का अनुभव किया है। यदि हरी रस को कोई तिल (एक बून्द मात्र ) भी अपने घट में समां लेता है, ग्रहण कर लेता है तो उसका जीवन कंचन (सोना ) हो जाता है, यही राम नाम की महिमा है। 
 
हरी रस में भीगे हुए व्यक्ति आम लोगों से अलग ही दिखाई देता है क्योंकि उसे सांसरिक क्रियाएं सुहाती नहीं हैं और वह ऐसे व्यवहार करता है जैसे की वह पागल हो गया हो। माया के जाल को काट कर ही हरी रस का पान किया जा सकता है। इसे जितना ग्रहण करें वह कम ही लगता है। माया का जाल गुरु के सानिध्य से ही काटता है। 

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