अपने पतिदेव के साथ चली , मेरी नैया पार लगी । झाँकी करने को आज मैं , श्रीजी के द्वार चली । बहुत दिनों के बाद , मेंरी तकदीर खुली , झाँकी करने को आज , मैं श्रीजी के द्वार चली । गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण——————-।
Ram Bhajan Lyrics in Hindi RaamBhajanLyrics
मोर चन्द्रिका शीश पे सोहे , श्याम छवि सब का मन मोहे , मुझे हाथ से पास बुलावे , कटी हाथ में कमल धरावे , मेरी नाथ नगरिया, प्रभु की बगिया, महके गली – गली, झाँकी करने को आज , मैं श्रीजी के द्वार चली । बहुत दिनों के बाद——————– ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण ————–। जाकर सन्मुख बैठ धरूँगी , निरख – निरख छवि दरश करूँगी , सेवा करके श्रीनाथ की , जीवन अपना सफल करूँगी , माला भी मैं गूथूँगी , चुन – चुन कर कली – कली । झाँकी करने को आज मैं , श्रीजी के द्वार चली । बहुत दिनों के बाद —————– ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण ————-।
Teri sharan prabhu teri sharan तेरी शरण प्रभु तेरी शरण by Pujya Bhaishri Ji RameshBhaiOza Ji